रूरा कस्बा बाजार में राजेश और राम बाबू रहते हैं। साल 1964 में उनके बाबा रघुनाथ प्रसाद ने ठाकुरद्वारा बनवाया था। उन्होंने अष्टधातु की भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां स्थापित की थी। साल 2011 में मंदिर से तीनों मूर्तियां चोरी हो गईं थीं।
11 साल कोर्ट के आदेश पर भगवान राम, माता सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां पुलिस माल खाने से मंदिर में पहुंची। भक्तों ने खुशी जताई। मूर्तियां वापस मंदिर आने पर लोगों ने जताई ख़ुशी
11 साल तक मुकदमा चलता रहा। कोर्ट के आदेश के बाद मूर्तियों को थाने के मालखाने से मन्दिर समिति को दे दी गई। अभी तक मन्दिर में अन्य देवी देवताओं की पूजा हो रही थी। भगवान राम का दरबार खाली था। जब मूर्तियां गांव में बने मन्दिर में पहुंची तो लोगों ने खुशी जताई।
11 साल तक मुकदमा चलता रहा। कोर्ट के आदेश के बाद मूर्तियों को थाने के मालखाने से मन्दिर समिति को दे दी गई। अभी तक मन्दिर में अन्य देवी देवताओं की पूजा हो रही थी। भगवान राम का दरबार खाली था। जब मूर्तियां गांव में बने मन्दिर में पहुंची तो लोगों ने खुशी जताई।
राजेश बोले-हमारे राम हमको मिल गए
रूरा थानाध्यक्ष प्रवीन कुमार, हेड मुंशी राजकुमार ने मालखाने से मूर्तियों को निकालकर मंदिर समिति को सौंप दी। सर्वराकार राजेश और रामू गुप्ता ने कहा कि धार्मिक अनुष्ठान कराकर मूर्तियां मंदिर में स्थापित कराई जाएंगी। राजेश ने कहा, “हमारे भगवान श्रीराम हमको मिल गए। 11 साल का वनवास खत्म हो गया। इसके लिए हमें लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी थी।
रूरा थानाध्यक्ष प्रवीन कुमार, हेड मुंशी राजकुमार ने मालखाने से मूर्तियों को निकालकर मंदिर समिति को सौंप दी। सर्वराकार राजेश और रामू गुप्ता ने कहा कि धार्मिक अनुष्ठान कराकर मूर्तियां मंदिर में स्थापित कराई जाएंगी। राजेश ने कहा, “हमारे भगवान श्रीराम हमको मिल गए। 11 साल का वनवास खत्म हो गया। इसके लिए हमें लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी थी।