एडीजीसी प्रदीप पांडेय ने बताया कि दिवाली के दिन घाटमपुर थाना क्षेत्र के गांव में सात साल की मासूम लड़की का क्षत-विक्षत शव मंदिर के पास मिला था। जिसके बाद ही तंत्र मंत्र के लिए मासूम की बलि चढ़ाने की चर्चा हो रही थी। इसी क्रम में पुलिस ने गांव के ही रहने वाले अंकुल कुरील, वीरन कुरील को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई तो मामला खुलकर सामने आ गया। जिसे सुनकर पुलिस के रोंगटे खड़े हो गए थे। पुलिस ने बताया था कि परशुराम ने अपने भतीजे अंकुल और वीरन को पैसे देकर यह काम कराया था।
पुलिस के अनुसार, हत्या के पहले दोनों ने शराब पी और मासूम के साथ रेप किया था। इसके बाद मासूम का लीवर, फेफड़ा निकालकर परशुराम को दे दिया था। परशुराम और उसकी पत्नी ने लीवर को खा लिया था। जबकि अन्य अंगों को नष्ट कर दिया था। अंकुल और वीरन के खुलासे के बाद पुलिस ने परशुराम और उसकी पत्नी को भी गिरफ्तार कर लिया था। एसपी बृजेश श्रीवास्तव के अनुसार परशुराम की शादी 1999 में हुई थी, लेकिन बच्चे न होने के चलते उसने तंत्र विद्या के नाम पर ये कदम उठाया था। फास्ट ट्रैक कोर्ट ने आरोपी परशुराम और उसकी पत्नी समेत चारों आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही जुर्माना भी लगाया है।