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कानपुर

महिलाओं को मिली गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन की चाभी, टिकट कंडेक्टर से लेकर सुरक्षा की उठाएंगी जिम्मेदारी

महिला दिवस पर कानपुर के गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन की कमान महिलाओं के हाथ

कानपुरMar 09, 2018 / 12:31 pm

Vinod Nigam

महिला दिवस पर कानपुर के गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन की कमान महिलाओं के हाथ
कानपुर। देश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में रेलवे ने एक बड़ा कदम उठाते हुए पूर्ण रूप से महिलाओं को एक पूरा रेलवे स्टेशन समर्पित किया है। इस रेलवे स्टेशन को संचालित करने का अब पूरा जिम्मा महिला कर्मचारियों पर ही होगा। स्टेशन में टिकट कंडेक्टर से लेकर सुरक्षा की कमान महिला जवान के हाथों में होगी। ट्रेन को रूकवाने और हरी झंडी दिखाने का कार्य आधीआबादी करेगी। गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उत्तर मध्य रेलवे के डीआरएम ने रेलवे स्टेशन को चाभी महिलाओं के हाथों सौंप दी। डायरेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार ने बताया इलाहाबाद मंडल के दो रेलवे स्ठेशन में पूरी तरह से महिलाकर्मी तैनात रहेंगी। तीन शिफ्टों में इनकी आठ-आठ घंटे ड्यूटी रहेगी। यहां पर 26 गाडिय़ों का ठहराव है, जिसमें से सात मेमू, 10 पैजेंसर और 9 मेल गाडिय़ां हैं। रोजाना 50 हजार यात्री सफर करते हैं। यहां से दिल्ली कानपुर-हावड़ा, कानपुर-झांसी व कानपुर बांदा के तीन रूट जाते हैं।
24 घंटे महिलाकर्मी रहेंगी तैनात
महिला दिवस के अवसर पर कानपुर को रेलमंत्री पियूष गोयल की तरफ से एक बड़ा तोहफा दिया गया। इलाहाबाद मंडल के दो रेलवे स्टेशनों की जिम्मेदारी महिलाओं के हवाले की गई है। इनमें एक गोविंदपुरी रेलवे स्टेशप है। यहां पर टिकट कंडेक्टर से लेकर सुरक्षा सहित ट्रेनों के संचालन की पूरी जिम्मेदारी महिलाकर्मियों के हवाले होगी। 24 घंटे चलने वाली ट्रेनों में कोर्ठ रूकावट न आए इसके लिए महिलकर्मियों की तीन शिफ्टों में ड्यूटी लगाई जाएगी। यहां पर तीन टिकट कांडटर के साथ आरपीएफ और जीआरपी की महिला जवान 24 घंटे यात्रियों की सुरक्षा में तैनात रहेंगी। गुरूवार को डीआरएम डीआरएम संजय कुमार ने स्टेशन की चाभी महिलाओं को सौंप कर इसकी शुरूआत कर दी। डॉयरेक्टर जीतेंद्र कुमार ने बताया कि एक साल पहले मुंबई के माटुंगा रेलवे स्टेशन का संचालन महिलाओं को दिया गया था। प्रयोग सफल रहने पर उत्तर मध्य रेलवे ने कानपुर के गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन को चुना।
गोविंद वल्लभ पंत ने रखी थी नींव
गोविंदपुरी रेलवे स्टेशन को 1970 तक स्टेशन को जूही के नाम से जाना जाता था। दक्षिण कानपुर में शहरी जमाव बढऩे और गोविंद नगर के नजदीक होने के कारण इस स्टेशन को गोविंदपुरी का नाम दिया गया। इसका उद्घाटन गोविंद वल्लभ पंत ने किया था। स्टेशन डायरेक्टर डॉ. जितेंद्र कुमार ने बताया कि अब से गोविंदपुरी स्टेशन पर ट्रेनों के संचालन, टिकटों के वितरण, टिकटों के आरक्षण व सुरक्षा जैसी सभी अहम जिम्मेदारियां महिलाएं ही वहन करेंगी। इंजीनियरिंग सेक्शन में भी महिलाएं ही होंगी। फिलहाल 26 महिलाओं का स्टॉफ तैनात किया गया है, जिसे आने वाले दिनों में बढ़ाने की योजना है। उन्होंने बताया, गोविंदपुरी में अभी जीआरपी की चौकी है लेकिन अब यहां जीआरपी व आरपीएफ के थाने खोले जाएंगे। आरपीएफ ने स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे लगा दिए हैं और निगरानी शुरू हो गई है। आज से पूरी तरह इस स्टेशन की बागडोर महिलाओं के हाथों में दे दी गई है। वहीं गोविंदनगर रेलवे स्टेशन पर मौजूद यात्रियों से जब सरकार के इस कदम के बारे में पूछा गया तो उनका कहना है कि पुरूषों के मुकाबले महिलाएं बहुत अच्छा कार्य करती हैं और मोदी सरकार की यी पहल सराहनीय है।
नेहा मिश्रा को बनाया गया स्टेशन मास्टर
2009 में रेलवे सेवा में आईं नेहा मिश्रा को स्टेशन मास्टर बनाया गया है। इनका काम ट्रेनों का संचालन व स्टेशन की व्यवस्थाओं को अमलीजामा पहनाना होगा। नेहा अभी तक अनवरगंज में तैनात थीं। 1990 में रेलवे सेवा में आईं संतोष शर्मा को टिकट बुकिंग इंचार्ज बनाया गया है। इनका काम स्टेशन की वाणिज्यिक जिम्मेदारियों को निभाना होगा। संतोष अभी अनवरगंज में सीनियर बुकिंग क्लर्क के रूप में कार्यरत थीं। नवनियुक्त स्टेशन मास्टर नेहा मिश्रा ने बताया कि हमारे पास 26 महिलाओं का स्टॉफ है और हमसब मिलकर इसे देश का सबसे अच्छा और हाईटैक स्टेशन बनाएंगे। यहां पर गंदगी ज्यादा है, जिसके चलते शुक्रवार कसे नियमित साफ-सफाई कराई जाएगी। यात्रियों के बैठने और स्वच्छ पेयजल के लिए व्यवस्था की जाएगी।

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