पुरुषों के साथ साथ अब महिलाओं ने बुलडोजर मामला हो या पलायन का पूरी तरह से कमर कस ली है। महिलाओं का कहना है कि यहां पर रहने वाले लोग अपनी छाती तानकर उपद्रवियों के सामने खड़े रहते हैं। हमारे साथ गलत किया जा रहा है। हम यहीं जिएंगे और मरेंगे। किसी की दम हो तो जमीन छीन कर दिखाए। साथ ही सरकार विरोधी नारेबाजी भी चल रही है।
यह भी पढ़े – कानपुर हिंसा अपडेट: ट्रक में भरकर ले गए थे पत्थर, एक-एक पत्थर और पत्थरबाज से होगा हिसाब… क्यों मामले ने पकड़ ली तूल कानपुर हिंसा के बाद योगी सरकार ने बुलडोजर कार्यवाही के निर्देश दिया। इसी के चलते सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल होने लगा कि लोग योगी सरकार और बुलडोजर एक्शन की वजह से अपने घरों को छोड़कर जा रहे हैं। इस मैसेज के वायरल होने के साथ ही पुलिस में हड़कम्प मच गया। एडीसीपी वेस्ट राहुल मिठास चन्द्रेश्वर हाता पहुंचे। एडीसीपी वहां पर लोगों को यह समझाने गए थे कि वह ऐसा कोई कदम न उठाए। मगर वहां पर नजारा कुछ और ही निकला। उल्टा वहां के रिहायशी लोगों ने उल्टा एडीसीपी से यह कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए वह अपनी जमीन अपना घर किसी कीमत पर खाली नहीं करेंगे। देखते देखते विरोध प्रदर्शन बढ़ गया।
यह भी पढ़े – बुलडोजर चलने पर भड़के पत्थरबाज, CM Yogi के निर्देश सौ इमारतों पर चलेगा बुलडोजर, 15 चिन्हित ऐसे लगी पलायन की आग हाते के दो मकानों पर ताला देखने के बाद एडीसीपी इस्ट ने उनके बारे में जानकारी जुटाई। जिसपर पता चला कि एक घर केस्को से रिटायर कर्मी अशोक वर्मा का है जो बवाल से पहले ही हैदराबाद अपने बेटे के पास घूमने चले गए हैं। दूसरा घर जगत पुरी का है। इनकी जनरलगंज में दुकान है। यह दुकान खोलने चले गए थे। हाते के मुहाने पर ही एक घर में दूसरे पक्ष का छोटू रहता है। वह जरुर घर में ताला लगाकर कहीं चला गया है। ऐसे घरों में ताले देखकर लोगों ने पलायन अफवाह फैला दी।
विधायकों के खिलाफ फूटा लोगों का गुस्सा लोगों ने सपा विधायकों के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। कहना है कि बवाल के बाद अब तक विधायक देखने तक नहीं आए। ऐसे में लोगों विधायक के नाम के ऊपर पेंट कर दिया। कहना है कि रिहायशी इलाके में विधायक प्रवेश नहीं कर सकते हैं। एक तरफ सपा विधायक के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया।