अब तक की छानबीन में पता चला की व्हाट्सएप के माध्यम से हिंसा भड़काई गई। इतना ही नहीं बल्कि पत्थर भी पहले से ही रखे गए थे। फिलहाल हिंसा वालों इलाकों में लोग घरों के अंदर कैद है। मुख्यमंत्री के आदेश पर गठित एसआईटी की टीम पीएफआई कनेक्शन की जांच कर रही है। हिंसा में शामिल आरोपियों के पोस्टर जारी किए जाएंगे। रासुका लगाने के साथ बुलडोजर भी चलेगा।
यह भी पढ़े – कानपुर हिंसाः रात भर पुलिस ने दी दबिश, 200 से ज्यादा नाबालिगों समेत चिह्नित, इस तारीख तक धारा 144 लागू व्हाट्सएप पर खूब वायरल हुए पोस्टर भाजपा नेत्री बयान के विरोध में किए गए बंदी के आह्वान पर हुए बवाल को पूरी सुनियोजित साजिश की तरह अंजाम दिया गया। इसलिए बंदी के पोस्टर 28 व्हाट्सएप नंबरों से खूब वायरल किए गए। यह नंबर सबसे ज्यादा कल्याणपुर के लोगों के नाम आठ आवंटित है। जिनसे सर्वाधिक पोस्टर ग्रुपों में फैलाए गए। अब इन सभी पोस्टर वायरल करने वालों की तलाश की जा रही है। इसी तरह बवाल भड़काने वालों पर भी प्रशासन की टीम लगातार निगरानी कर रही है।
एनकाउंटर स्पेशलिस्ट आईपीएस ने संभाली कमान स्थिति को नियंत्रित करने के लिए शासन की तरफ से आईपीएस अधिकारी अजयपाल शर्मा को भेजा गया। देर रात उन्होंने कमान संभाल ली। दबिश के लिए जो टीमें बनाई गईं। उसमें से एक को एडीसीपी ईस्ट राहुल मिठास, डीसीपी प्रमोद कुमार और अजयपाल शर्मा, एक टीम को ज्वाइंट सीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने लीड किया
350 वीडियो जुटा चुकी पुलिस पुलिस ने उपद्रव के 350 वीडियो जुटा लिए हैं। इलाकाई लोगों ने भी मदद की है। सात सीसीटीवी कैमरे से पुलिस ने चार घंटे की फीड बरामद कर ली है। इन दोनों से आरोपितों की पहचान करने के लिए तीन टीमों को अलग से लगाया गया है। देर रात दो दर्जन से अधिक लोगों को उठाया, उनके चेहरों की पहचान कराई जा रही है। इनके शामिल होने की पुष्टि होने पर गिरफ्तारी होगी।