उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 12 सीटों पर 28 जनवरी को पड़ेंगे वोट, चुनाव आयोग ने जारी किया पूरा कार्यक्रम कानपुर स्टॉक एक्सचेंज सूत्रों के अनुसार बिटक्वाइन में लगातार निवेश बढ़ रहा है। इस बढ़ते निवेश को देखकर रिजर्व बैंक चौकन्ना हो गया है। बिटक्वाइन करेंसी के साथ सबसे बड़ी बात है कि इस करेंसी का कोई नियंत्रक नहीं है और न ही इसकी खरीद-फरोख्त पर दुनिया का किसी सरकार का नियंत्रण है। भारत में सुप्रीम कोर्ट बिटक्वाइन की खरीद फरोख्त को मंजूरी दे दी है। अब बिटक्वाइन पर सिर्फ टैक्स के जरिए मॉनीटरिंग की जा सकती है। इसलिए सरकार इन्हें टैक्स के दायरे में लाने जा रही है।
बिटक्वाइन क्या है :- बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी है। इसे माइनिंग से कमाया जाता है। बिटकॉइन वॉलेट में इस वर्चुअल करेंसी को सहेज कर रख सकते हैं। बिटकॉइन को सातोशी नाकामोतो ने बनाया था। बिटकॉइन के भुगतान के लिए क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है। बिटक्वाइन की वर्तमान में कीमत 24 लाख रुपए पहुंच गई है। एक महीना पहले कीमत 14 लाख रुपए थी। यानी 30 दिन में 10 लाख रुपए के उछाल ने एजेंसियों की नींद उड़ा दी है।
विस्तृत रिपोर्ट तैयार :- सेंट्रल जीएसटी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, खुफिया आर्थिक एजेंसियां इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर चुकी हैं। जिसमें कहा गया कि अकेले बिटक्वाइन से 10 हजार करोड़ रुपए की जीएसटी जनरेट हो सकती है। चूंकि बिटक्वाइन का कोई रूप नहीं है इसलिए इसे अदृश्य या अमृत संपत्ति की श्रेणी में रखा जाएगा। इसे शेयर, प्रॉपर्टी या रियल इस्टेट की तरह निवेश के विकल्प के रूप में देखा जाएगा। इसके बावजूद क्रिप्टोकरेेेंसी को कैश मनी की श्रेणी में रखा जाएगा, जिसका इस्तेमाल भी किया जा सकता है। ऐसा इसलिए किया जाएगा ताकि मुद्रा कानूनों के तहत इसकी सख्त मॉनीटरिंग की जा सके।
यूपी में 10 हजार करोड़ रुपए का है बिटक्वाइन बिजनेस :- अकेले यूपी में ही बिटक्वाइन का बाजार 10 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है। जिसमें कानपुर, प्रयागराज, नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, आगरा और मुजफ्फरनगर सबसे आगे हैं। क्रिप्टोकरंसी पर निगरानी आरबीआई से लेकर खुफिया आर्थिक एजेंसियों तक के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन चुकी है। बिटक्वाइन की बढ़ती कीमत के चलते शेयर बाजार और रियल इस्टेट की नींद उड़ गई है।