एफडी का सत्यापन होने पर हुए रिहा इत्र कारोबारी पीयूष जैन को एक सितंबर 2022 को हाईकोर्ट से 196 करोड़ रुपए बरामदगी मामले में जमानत मिली थी। इस मामले में उसकी पत्नी कल्पना जैन और बेटा प्रियांश जैन ने दस-दस लाख रुपए की एफडी बंधपत्र के रूप में दाखिल की थी। एफडी का सत्यापन होने के बाद बुधवार शाम पीयूष को जेल से छोड़ने का परवाना जेल भेजा गया था।
यह भी पढ़ें – बड़े निवेशकों को लुभा रहे हैं यूपी के छोटे शहर, बढ़ रहा औद्योगिक निवेश इस वजह से एक दिन बाद हुई रिहाई इत्र कारोबारी पीयूष जैन की रिहाई दस्तावेज मिलान न होने से फंस गई थी। जिस कारण बुधवार को रिहा नहीं किया गया। दरअसल चलानी रिपोर्ट में वादी की जगह डीजीजीआइ अहमदाबाद दर्ज था जबकि रिहाई परवाना में डीजीजीआइ काकादेव लिखकर कोर्ट से भेजा गया। ऐसे में पीयूष की रिहाई लटक गई थी।
यह भी पढ़ें – आखिर बार-बार डीएम आवास में क्यों घुस रहा तेंदुआ, दहशत में कर्मचारी इत्र कारोबारी पीयूष जैन मामला क्या है जानें डीजीजीआइ अहमदाबाद की टीम ने 23 दिसंबर 2021 को इत्र कारोबारी पीयूष जैन के आनंदपुरी स्थित आवास और कन्नौज स्थित फर्म पर छापा मारा था। चार दिन छापे में 196 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि बरामद हुई थी। साथ ही 23 किग्रा विदेशी मुहर लगा सोना और 600 लीटर चंदन का तेल बरामद हुआ था। पीयूष पर दो मुकदमे दर्ज किए गए थे और 27 दिसंबर को उसे जेल भेजा गया था।