कानपुर. विधानसभा चुनाव की घोषणा से महज कुछ दिन पहले पूर्व सीएम अलिखलेश यादव ने कानपुर को मेट्रो की सौगात दी थी, लेकिन मतदान के बाद प्रदेश में सरकार बदल गई और मेट्रो के काम पर ब्रेक लग गया। कनपुर के लोगो को लगा कि अब मेट्रो का सपना, सपना ही रह जाएगी, लेकिन योगी सरकार ने मेट्रो के लिए 2017 में दो सौ करोड़ रुपए बजट के जरिए आवंटित कर दिया। जिसके चलते मेट्रो की अटकी गाड़ी निर्माण के अगले स्टेशन की तरफ चल पड़ी और जमीन पर काम भी शुरू हो गया है। पहले चरण में आईआईटी से लेकर बेनाझावर तीन मीटर चौड़ा डिवाइडर के साथ पिलरों का निर्माण पीडब्ल्यूडी विभाग करेगा, जिसका काम चालू हो गया है। बता दें कानपुर में 23.8 किमी लंबा ट्रैक बनना है। 15.2 किमी एलीवंटेड रूट निर्धारित किए गए हैं। 0.8.6 किमी अंदरग्राउंड रेलेव ट्रैक बनने हैं, साथ ही इन रूटों पर 8 मेट्रो स्टेशन प्रस्तावित हैं। भाजपा नगर अध्यक्ष ने बताया कि एक सप्ताह पहले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या से हमारी मेट्रो को लेकर बात हुई थी। डिप्टी सीएम ने हमें भरोसा दिया था कि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो 2021 में कानपुर को मेट्रो की सौगात मिल जाएगी। 200 करोड़ रुपए आवंटित अक्टूबर 2016 में तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने बीरेंद्र स्वरूप पार्क से मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। इसके बाद से ही मेट्रो प्रोजेक्ट में किसी नए काम की शुरुआत नहीं हो रही थी। लेकिन योगी सरकार ने इसी माह कानपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन कंपनी का गठन करने के साथ ही दो सौ करोड़ रुपए का बजट देकर शहर में इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी एलएमआरसी को दी है। जिसके तहत लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एलएमआरसी ) के चीफ रमेश कुमार तीन दिन पहले पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें बाद कई माह से मेट्रो की अटकी गाड़ी निर्माण के अगले स्टेशन की तरफ चल पड़ी है। पीडब्ल्यूडी विभाग पहले चरण में आईआईटी से लेकर बेनाझावर तीन मीटर चौड़ा डिवाइडर के साथ पिलरों का निर्माण करेगा। इसके लिए पीडब्ल्यूडी एलएमआरसी से प्रोजेक्ट की डीपीआर मांगी थी, जो जल्द ही विभाग को मिल जाएगी। पहले चरण में यहां दौड़ेगी मेट्रो कानपुर में पीडब्ल्यूडी विभा के साथ एलएमआरसी ने पहले चरण में मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए नाम-जोख शुरू कर दी है। पहले चरण में जीटीरोड पर आईआईटी से मातीझील तक एलीवेटेड ट्रैक पर मेट्रो को दौड़ना है। एलीवेटेड ट्रैक के पिलर रोड के बीचोबीच बने सेंट्रल वर्ज ( डिवाइडर) पर बनाए जाएंगे। इसके लिए वर्तमान करीब 85 सेंटीमीटर चौड़े, डिवाइडर को तीन मीटर चौड़ा किया जाएगा। अधिकारियों की माने तो सितंबर तक डिवाइडर को चौड़ा करने का काम शुरू हो जाएगा। पीडीब्ल्यूडी के अधिशाषी अभियंता एके मिश्रा ने बताया के एलएमआरसी के चीफ इंजीनियर रमेश कुमार ने आईआईटी से बेनाझावर तक पिलर को तीन मीटर चौड़ा करने के संबंध में प्रस्ताव दिया है। उनसे डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट मांगी गई है, इसके मिलने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। एलएमआरसी लेगा पीडब्ल्यूडी का सहयोग एलएमआरसी के चीफ इंजीनियर रमेश कुमार ने बताया कि मेट्रो प्रोजेक्ट में हमलोग पीडब्ल्ूडी का सहयोग ले रहे हैं। क्योंकि आईआईअी से लेकर रावतपुर तक रोड पीडब्ल्यूडी ( एनएच खंड) और गोलचौराहे से लेकर बेनाझावर तक रोड पीडब्ल्यूडी की है। इस लिए एनओसी के चक्कर से बचने के लिए हमने डिवाइडर बनाने का काम पीडब्ल्यूडी को दिया है। अगर दोनों विभागों के अधिकारियों की माने तो कानपुर मेट्रो के काम में तेजी बरसात रूकने के बाद तेजी आएगी। वर्तमान में आईआईटी के पास जमीन पर मजदूर और इंजीनियरों की टीम ने काम करना शुरू कर दिया है।