अभी सीएम के सामने डीपीआर के प्रस्तुतिकरण होना है. इसके बाद ही पूरी योजना पर फैसला किया जाएगा. एनएचएआई ने 4500 करोड़ रुपये की लागत के अनुमान के साथ एक हजार करोड़ और का भी प्रावधान किया है. ताकि लागत के बढ़ने पर फिर से अनुमति और मंजूरी का झंझट न करना पड़े. डीपीआर में एक्सप्रेस वे को कानपुर-लखनऊ एनएच 25 हाईवे से जोड़ा जाएगा. डीपीआर में उन्नाव के 60 और लखनऊ के 18 गांवों की जमीन को अधिग्रहित करने का प्रस्ताव किया गया है.
एक्सप्रेस-वे के लिए एनएचआई ने कुरौरी के पास से बनी जगह तक सीधा रास्ता देने का प्रस्ताव किया है. बनी के बाद एक्सप्रेस-वे एलिवेटेड पुल के जरिए लखनऊ तक स्कूटर इंडिया के पास उतरेगा. कानपुर में जाजमऊ गंगापुल के बाद आजाद मार्ग चौराहे से दाहिने तरफ से एक्सप्रेस-वे का रास्ता दिया जाएगा. मरहाला से एक्सप्रेस-वे को रास्ता दिया जाएगा.
बनी तक ग्रीनफील्ड 66 किमी की होगी. एक्सप्रेस-वे मौजूदा एनएच 25 फोरलेन से 8.5 किमी दूर से सामानांतर बनेगा. एनएचएआई लखनऊ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी. शिवशंकर ने बताया कि टीम ने डीपीआर को अंतिम रूप दे दिया है. जल्द ही इस पर काम शुरू होगा. इसके बाद लोगों के लिए आवगमन सुविधाजनक हो जाएगा. यहां एक बार फिर से बताते चलें कि एनएचएआई ने कानपुर लखनऊ के बीच प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे के लिए कवायद तेज कर दी गई है. इसकी डीपीआर मुख्यमंत्री के समक्ष पेश कर दी गई है.