बेहटा और आसपास के गांव के लोगों का दावा है कि करीब 4 हजार साल पुराने इस मंदिर से संकेत हो जाता है कि इस साल कैसे बारिश होगी। ये भविष्यवाणी सटीक साबित होती है। इसलिए लोगों की मंदिर में आस्था है।
कैसे होती है भविष्यवाणी
गांव के लोगों का कहना है कि मानसून आने से 7-8 दिन पहले मंदिर में रखी भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के ऊपर गुंबद से पानी की बूंदें गिरने लगती हैं। अगर पत्थर सिर्फ पसीजता है तो कम बारिश होती है। अगर पत्थर पर पानी इकट्ठा होकर बूंदे बनने लगती हैं तो ये सामान्य बारिश का संकेत है। अगर पत्थर पर पानी इकट्ठा होकर बूंदें गिरने लगती हैं तो ये अच्छी बारिश होने का संकेत होता है। बूंदों के आकार से भी बारिश कितनी होगी, ये अंदाजा लगाया जाता है।
गांव के लोगों का कहना है कि मानसून आने से 7-8 दिन पहले मंदिर में रखी भगवान जगन्नाथ की मूर्ति के ऊपर गुंबद से पानी की बूंदें गिरने लगती हैं। अगर पत्थर सिर्फ पसीजता है तो कम बारिश होती है। अगर पत्थर पर पानी इकट्ठा होकर बूंदे बनने लगती हैं तो ये सामान्य बारिश का संकेत है। अगर पत्थर पर पानी इकट्ठा होकर बूंदें गिरने लगती हैं तो ये अच्छी बारिश होने का संकेत होता है। बूंदों के आकार से भी बारिश कितनी होगी, ये अंदाजा लगाया जाता है।