ढाई साल से कर रही थी रिसर्च
आईआईटी कानपुर के हॉस्टल में रहने वाली प्रगति ढाई साल से वहां रह कर रिसर्च कर रही थी। प्रगति गुरुवार के दिन क्लास में भी नहीं आई थी। उसके दोस्तों ने कई बार उसे फोन भी किया पर मोबाइल नहीं उठा तो हॉस्टल जाकर वार्डन को जानकारी दी। वार्डन के साथ कमरे के बाहर खड़े होकर जब दोस्तों ने प्रगति को फोन किया। तो उसके मोबाइल की रिंगटोन बाहर सुनाई दे रही थी।खिड़की से देखा तो उड़ गए होश
मोबाइल ना उठने पर जब कमरे के रोशनदान से झांक कर देखा गया तो प्रगति का शव रस्सी के सहारे झूलता दिखाई दिया। इसके बाद वार्डन ने आईआईटी प्रबंधन को इसकी जानकारी दी। जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने कमरे की छानबीन शुरु की तो मौके से रस्सी की ऑनलाइन डिलीवरी का एक खाली पैकेट, स्टूल और पलंग मिला जिसका प्लाई टूटी हुई थी। यह भी पढ़ें
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तो क्या ऑनलाइन मंगाई थी रस्सी?
मौके से मिले ऑनलाइन डिलीवरी के खाली पैकेट को भी पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। पुलिस का मानना है कि छात्रा ने सुसाइड के लिए ही रस्सी ऑनलाइन मंगवाई थी। इसके साथ ही पुलिस को पांच पन्ने का सुसाइड नोट भी बरामद हुआ। यह भी पढ़ें