ये भी पढ़ें- कोरोनाः मास्क न पहनने वालों की अब खैर नहीं, हाईकोर्ट ने जारी किए सख्त आदेश पिता ने जताई आपत्ति- खुशी के पिता ने बेटी पर लगी इन धाराओं पर आपत्ति जताई है। किशोर न्याय बोर्ड को उन्होंने प्रार्थना पत्र दिया है जिसमें उन्होंने पुलिस द्वारा जिन धाराओं में रिमांड मांगी गई है, उनका कोई साक्ष्य न होने का दावा किया है। उन्होंने खुशी को अमर दुबे की पत्नी लिखकर संबोधित करने पर भी आपत्ति जताई और कहा कि यह किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन हैं। बोर्ड ने इस पर विवेचक को तीन दिनों में बिंदु़वार रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं।
बता दें कि अमर दुबे से नाबालिग की शादी 29 जून को हुई थी और 2 जुलाई की देर रात बिकरू में आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी गई थी।
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इन धाराओं में चलेगा मुकदमा- धारा 147, 148, 149 (बलवा), 504 (धमकी देना), 506 (जान से मारने की धमकी देना), 353 (लोक सेवक पर सरकारी कार्य करते समय हमला करना), 332 (लोकसेवक को जानबूझकर गम्भीर चोट पहुंचाना), 333(लोक सेवक को घोर क्षति पहुंचाना), 307 (जान से मारने का प्रयास), 302 (हत्या), 412 (चोरी की गई संपत्ति को बेईमानी से पाना), दफा 34 (एक या उससे अधिक लोगों का आपराधिक घटना कारित करना), 7 सीएलए, 3/4 विस्फोटक अधिनियम में मुकदमा चलेगा।पुलिस ने डकैती की धारा 395 हटा दी है। उसकी जगह धारा 396 जोड़ी है जिसके अनुसार डकैती के दौरान हत्या कर देना होता है।