उदयपुर कांड में पकड़े गए आरोपितों ने एनआईए और पुलिस की पूछताछ में कानपुर कनेक्शन का खुलासा किया था। इसके बाद कानपुर पुलिस कमिश्नरेट यहां सक्रिय हो गई। ज्वाइंट सीपी आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि संगठन और उससे जुड़े प्रत्येक सदस्य के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इसके लिए छह सदस्यों वाली एक गोपनीय टीम को लगाया गया है। गुरुवार रात में टीम ने संगठन के डिप्टी का पड़ाव गुरबत उल्लाह पार्क स्थित ऑफिस, कानपुर में एक और उन्नाव में संगठन द्वारा संचालित तीन मदरसों (इसमें एक निर्माणाधीन) का बाहर से निरीक्षण किया। टीम को अंदर जाने से मना किया गया था। अधिकारी के मुताबिक इनके सभी सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
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11 मिनट में हुआ तबादल और ज्वाइनिंग, अफसरों को मिली मनमुताबिक पोस्टिंग 2017 में हुई थी आखिरी सभा ज्वाइंट सीपी ने बताया कि अब तक की जांच में पता चला है कि सन 1994, 2000 में बड़े स्तर पर धार्मिक सभा का आयोजन किया गया था। उसके बाद आखिरी सभा 2017 में हुई थी। यह कहां हुई थी और इसमें क्या बताया गया था इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है।
एक परिवार का धर्म परिवर्तन कराना चाहता था संगठन नौबस्ता चमनगर में 1 जुलाई 2021 को विश्वनाथ गुप्ता ने 50 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। उनका आरोप था कि वह उस पूरे इलाके में अकेला परिवार थे। जिन पर धर्म परिवर्तन का दवाब बनाया जा रहा है। परिवार घर छोड़ने को मजबूर हो गया था। उस दौरान पुलिस ने इस मामले में 50 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। तब इस घटना में दावत-ए- इस्लामी संगठन का भी नाम खूब उछला था।
धर्म परिवर्तन की धारा हटाई नौबस्ता पुलिस ने इस मामले में खेल करते हुए धर्म परिवर्तन का दवाब बनाने की धारा हटा दी और मामूली मारपीट की धारा में चार्जशीट दाखिल कर दी थी। इस मामले के बारे में ज्वाइंट सीपी ने एक बार फिर से पूरी जानकारी मांगी है। सरताज भईया की जानकारी जुटाई जा रही है ज्वाइंट सीपी ने बताया कि इस संगठन का शहर में बड़ा नाम सरताज भाईया का आया है। यह कौन है। कहां रहता है। इसके कोई अपराधिक इतिहास है कि नहीं। इन सभी बिन्दुओं पर जांच की जा रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को संगठन के दफ्तर पर पहुंचकर टीम द्वारा पूछताछ भी की जा सकती है।