कानपुर के रमईपुर में बनने वाला मेगा लेदर पार्क सभी तरह की सुविधाओं से लैस होगा। इसमें लेदर प्रोडक्ट के उत्पादन से लेकर उत्पादों के प्रदर्शन की व्यवस्था होगी। लेदर पार्क में पार्क में कैंटीन से लेकर रेस्ट हाउस तक बनेंगे, ताकि देश-दुनिया से आने वाले निवेशकों के रुकने और खाने-पीने की दिक्कतों का सामना करना पड़े। 4,000 स्क्वॉयर मीटर से लेकर 1,000 स्क्वॉयर मीटर के प्लाट पार्क में कारोबार करने वालों को मिल सकेंगे। पार्क में साफ-सफाई का विशेष प्रबंध रहेगा।
कपड़ा उद्योग के चलते ‘पूरब का मैनचेस्टर’ कहे जाने वाले कानपुर को ‘लेदर सिटी’ के तौर पर जाना जाता रहा है। कई बड़ी कंपनियां इस शहर में अपना कारोबार करती है, जिनके उत्पाद देश और दुनिया के अलग-अलग देशों में निर्यात किये जाते हैं। हालांकि, बीते वर्षों में अलग-अलग कारणों के चलते कानपुर का लेदर कारोबार संकट में आ गया। पहले प्रयागराज कुंभ के चलते टेनरियों के चलने पर पाबंदी और कोरोना संकट के चलते कानपुर के चमड़ा कारोबार में अरबों का नुकसान हुआ है। इसकी वजह से फ्रांस, जर्मनी, स्पेन, संयुक्त अरब अमीरात, यूएसए समेत दर्जन भर आयातक देशों ने माल लेने से मना कर दिया था। कई टेनरी संचालकों ने स्थायी रूप से पश्चिम बंगाल जाने का रुख कर लिया था। टेनरी मालिकों का कहना था कि हालात ऐसे बन गए हैं कि अब इंडस्ट्री का चलना मुश्किल है। अब मेगा लेदर पार्क और मेगा लेदर क्लस्टर की स्थापना से कानपुर शहर को देश में एक अलग पहचान मिलेगी।