जांच में घनाराम ग्रुप में फर्जी बिलिगं के सबूत मिले हैं। इन बिलों के जरिए 40 करोड़ से ज्यादा का कैश का लेनदेन किया गया। पिछले सात साल में खरीद गई जमीनों की जांच की जा रही है। कांट्रैक्टर और सब कांट्रैक्टर के नाम पर फर्जी बिलिंग पाई गई हैं। कई विवादित जमीनों के कागजात मिले हैं।
यह भी पढ़े – यूपी में इस शहर के सवा लाख घरों का पहली बार देना होगा House Tax, लिस्ट हो चुकी तैयार कारोबार बढ़ा पर आयकर नहीं सूत्रों के मुताबिक, घनाराम ग्रुप का रिटर्न तो ठीक आ रहा था लेकिन जिस रफ्तार से कारोबार में तेजी दिखाई जा रही थी, उस हिसाब से आयकर नहीं दिया जा रहा था। इसकी पड़ताल की जा रही है कि पिछले नौ साल में कई मॉल्स, टॉवर, बांध जैसी बड़ी परियोजनाओं के लिए रकम कहां से आ रही थी। अरबों के प्रोजक्ट्स को लगातार चालू रखने के लिए फंडिंग का स्रोस तलाशा जा रहा है। इस बीच समूह के चार्टर्ड एकाउंटेंट दिनेश सेठी फरार हो गए हैं। आयकर सूत्रों के मुताबिक, सीए के घर व आफिस का ताला तुड़वाकर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। इसके लिए पीएसी को भी आयकर विभाग ने अपने साथ में लिया है।