कानपुर के साढ़ में डिफेंस कॉरिडोर की जमीन पर अडानी डिफेंस का आर्म्स एंड एम्यूनिशन कॉम्प्लेक्स की गिनती एशिया की सबसे बड़ी गोला-बारूद निर्माण यूनिट में की जा रही है। यहां अब तक लगभग 1500 करोड़ की लागत का काम पूरा हो चुका है। इस फैक्ट्री में शॉर्ट रेंज मिसाइलें भी बनेंगी। बताया जा रहा है कि ये सारे हथियार हैंड हेल्ड होंगे। ‘दि इकोनॉमिक्स टाइम्स’ की रिपोर्ट को मानें तो 1,500 करोड़ के शुरुआती निवेश के साथ स्थापित होने वाला यह प्लांट सबसे पहले 7.62 और 5.56 मिमी की गोलियों का निर्माण करेगा जो दुनिया भर में असॉल्ट राइफलों और कार्बाइन में उपयोग की जाती हैं।
इस्राइल से तकनीक के 100% हस्तांतरण के बाद यहां छोटे हथियार बनाने का काम भी शुरू हो चुका है। इनकी टेस्टिंग की जा रही है। अडानी डिफेंस एंड एयरोस्पेस के चाइल्ड वेक्यूटिव ऑफिसर आशीष राजवंशी ने इकोनॉमिक्स टाइम्स को बताया कि आने वाले महीनों में संयंत्र का विस्तार होने की संभावना है, कुल 500 एकड़ जमीन अलग रखी जाएगी, और 155 मिमी आर्टिल सहित बड़े कैलिबर गोला बारूद का उत्पादन किया जाएगा।
‘दि इकोनॉमिक्स टाइम्स’ की रिपोर्ट्स में बताया गया है कि बीते दिनों हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में कानपुर नोड के लिए 21 एमओयू साइन किए गए थे। इनमें कुल 9729.58 करोड़ रुपये का दावा किया गया था। वहीं डिफेंस कॉरिडोर में बन रही इन फैक्ट्रियों में करीब 17 हजार लोगों को रोजगार दिया जाएगा। यहां बन रही कंपनियों में अडानी डिफेंस सिस्टम्स एंड टेक्नॉलजीज, जेनसर एयरोस्पेस, अनंत टेक्नॉलजीज, एंड्योर एयरोसिस्टम्स प्रमुख रूप से शामिल हैं।