एक साल की जिम्मेदारी मिली
कॉमनवेल्थ लर्निंग ऑर्गनाइजेशन (सीएलओ) में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी पाने वाले आईआईटी के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर टीवी प्रभाकर को एक साल के लिए चयनित किया गया है। हालांकि चेयरमैन का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है। यह महत्वपूर्ण पद पाने वाले वे देश से अकेले प्रतिनिधि होंगे। भविष्य में उनका कार्यकाल बढ़ेगा।
शिक्षा में बदलाव तय करता सीएलओ
सीएलओ यह तय करता है कि भविष्य को देखते हुए शिक्षा में क्या बड़े बदलाव करने चाहिए। शिक्षा व्यवस्था में ऐसी जरूरी चीजें जो अब खत्म हो चुकी हैं उन्हें फिर से शामिल करने पर भी सीएलओ निर्णय लेता है। प्रो. प्रभाकर ने कहा कि वह ऑर्गनाइजेशन के साथ काफी समय से शिक्षा और तकनीक को लेकर कार्य कर रहे हैं। अब इन कार्यों को भविष्य की पॉलिसी में शामिल करने की प्रक्रिया की जाएगी। ऑर्गनाइजेशन 2030 में शिक्षा के भविष्य को देखते हुए तैयारी कर रहा है।
सीएलओ यह तय करता है कि भविष्य को देखते हुए शिक्षा में क्या बड़े बदलाव करने चाहिए। शिक्षा व्यवस्था में ऐसी जरूरी चीजें जो अब खत्म हो चुकी हैं उन्हें फिर से शामिल करने पर भी सीएलओ निर्णय लेता है। प्रो. प्रभाकर ने कहा कि वह ऑर्गनाइजेशन के साथ काफी समय से शिक्षा और तकनीक को लेकर कार्य कर रहे हैं। अब इन कार्यों को भविष्य की पॉलिसी में शामिल करने की प्रक्रिया की जाएगी। ऑर्गनाइजेशन 2030 में शिक्षा के भविष्य को देखते हुए तैयारी कर रहा है।
दुनिया के 55 देश इसमें शामिल
कॉमनवेल्थ देशों में आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, बांग्लादेश, कनाडा, कैमरून, फिजी, घाना, गुयाना, जमैका, केन्या, पाकिस्तान, सिंगापुर, साउथ अफ्रीका, श्रीलंका, यूगांडा, जिंबाबे, जाम्बिया, मलेशिया, ब्रूनी जैसे ५५ देश शामिल किए गए हैं।
कॉमनवेल्थ देशों में आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, बांग्लादेश, कनाडा, कैमरून, फिजी, घाना, गुयाना, जमैका, केन्या, पाकिस्तान, सिंगापुर, साउथ अफ्रीका, श्रीलंका, यूगांडा, जिंबाबे, जाम्बिया, मलेशिया, ब्रूनी जैसे ५५ देश शामिल किए गए हैं।