एयर स्ट्रीप पर किया सफल परीक्षण
आईआईटी की एयर स्ट्रीप पर वैज्ञानिकों ने इसका सफल परीक्षण किया। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग वैज्ञानिकों ने आईआईटी और वन विभाग के अधिकारियों के सामने विशेष तकनीक से बने ड्रोन का सफल परीक्षण किया। संस्थान के एयरोस्पेस विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुब्रमण्यम सडरेला, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. निश्चल वर्मा की अगुवाई में छात्र नवीन जांगरा, मोहित गुप्ता, शुलभ मंगल की टीम ने इस ड्रोन को मिलकर बनाया है। परीक्षण के दौरान आईआईटी के उप निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल समेत कई प्रोफेसर व अधिकारी मौजूद रहे।
आईआईटी की एयर स्ट्रीप पर वैज्ञानिकों ने इसका सफल परीक्षण किया। एयरोस्पेस इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग वैज्ञानिकों ने आईआईटी और वन विभाग के अधिकारियों के सामने विशेष तकनीक से बने ड्रोन का सफल परीक्षण किया। संस्थान के एयरोस्पेस विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सुब्रमण्यम सडरेला, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. निश्चल वर्मा की अगुवाई में छात्र नवीन जांगरा, मोहित गुप्ता, शुलभ मंगल की टीम ने इस ड्रोन को मिलकर बनाया है। परीक्षण के दौरान आईआईटी के उप निदेशक प्रो. मणींद्र अग्रवाल समेत कई प्रोफेसर व अधिकारी मौजूद रहे।
वन विभाग को मिलेगी बड़ी मदद
वन विभाग को इस गुब्बारे से बड़ी मदद मिलेगी। जंगलों में पेड़ व जानवरों की तस्करी का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है। इसे रोकने में वन विभाग की टीम लगभग असहाय है। विभाग ने आईआईटी के वैज्ञानिकों से मदद मांगी थी। वन विभाग के अधिकारी जंगल में तस्करी व गलत कामों से काफी परेशान थे। उन्होंने पिछले दिनों आईआईटी के वैज्ञानिकों से मदद मांगी थी। अधिकारियों ने इस तरह की तकनीक बनाने की मांग की थी, जिससे जंगल पर नजर रखा जा सके। इसके लेकर वन विभाग और आईआईटी के बीच एक एमओयू हुआ। वैज्ञानिकों ने तकनीक विकसित करने का काम शुरू कर दिया था।
यूपी के जंगलों में रुकेंगे गैरकानूनी काम
प्रधान मुख्य वन संरक्षक उत्तर प्रदेश पवन कुमार ने कहा कि यह उत्तर प्रदेश के सभी जंगलों में काफी कारगर साबित होगा। प्रदेश के घने जंगलों में जानवरों पर निगरानी रखना, जंगल के अंदर हो रहे गलत कामों पर रोक लगा पाना काफी मुश्किल होता था। इस इस गुब्बारे वाली टेक्नोलॉजी के जरिए तस्करी समेत सभी गलत कामों को रोका जा सकेगा। इस दौरान वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक पवन कुमार, मुख्य वन संरक्षक लखनऊ रमेश पांडेय, मुख्य वन संरक्षक कानपुर ओपी सिंह, मुख्य वन संरक्षक लखनऊ विष्णु सिंह आदि मौजूद रहे।
वन विभाग को इस गुब्बारे से बड़ी मदद मिलेगी। जंगलों में पेड़ व जानवरों की तस्करी का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है। इसे रोकने में वन विभाग की टीम लगभग असहाय है। विभाग ने आईआईटी के वैज्ञानिकों से मदद मांगी थी। वन विभाग के अधिकारी जंगल में तस्करी व गलत कामों से काफी परेशान थे। उन्होंने पिछले दिनों आईआईटी के वैज्ञानिकों से मदद मांगी थी। अधिकारियों ने इस तरह की तकनीक बनाने की मांग की थी, जिससे जंगल पर नजर रखा जा सके। इसके लेकर वन विभाग और आईआईटी के बीच एक एमओयू हुआ। वैज्ञानिकों ने तकनीक विकसित करने का काम शुरू कर दिया था।
यूपी के जंगलों में रुकेंगे गैरकानूनी काम
प्रधान मुख्य वन संरक्षक उत्तर प्रदेश पवन कुमार ने कहा कि यह उत्तर प्रदेश के सभी जंगलों में काफी कारगर साबित होगा। प्रदेश के घने जंगलों में जानवरों पर निगरानी रखना, जंगल के अंदर हो रहे गलत कामों पर रोक लगा पाना काफी मुश्किल होता था। इस इस गुब्बारे वाली टेक्नोलॉजी के जरिए तस्करी समेत सभी गलत कामों को रोका जा सकेगा। इस दौरान वन विभाग के प्रधान मुख्य वन संरक्षक पवन कुमार, मुख्य वन संरक्षक लखनऊ रमेश पांडेय, मुख्य वन संरक्षक कानपुर ओपी सिंह, मुख्य वन संरक्षक लखनऊ विष्णु सिंह आदि मौजूद रहे।