सुरक्षित रेडियो संचार की दिशा में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को पूरा करने के लिए रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार ने जल्द एसडीआर तकनीक विकसित करने का लक्ष्य दिया है। इसमें मानकीकृत ऑपरेटिंग सॉफ्टवेयर इनवायरमेंट और एप्लीकेशन वेवफॉर्म्स दो महत्वपूर्ण तत्व हैं। रक्षा मंत्रालय की ओर से बनाई गई एससीए समिति के अध्यक्ष और आईआईटी के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने कहा कि एससीए (सॉफ्टवेयर कम्युनिकेशन आर्किटेक्चर) का प्रस्ताव रखा था जिसके तहत एसडीआर के स्वदेशी विकास के लिए रोडमैप व समय सीमा तय कर डीपीआर बनाया गया है। शुरुआती तीन से छह माह में एसडीआर का प्रोटोटाइप तैयार किया जाएगा और 18 माह में डिजाइन, टेस्टिंग और ट्रायल पूरा किया जाएगा। आईआईटी और डीआरडीओ ने सॉफ्टवेयर से चलने वाले रेडियो पर काम शुरू कर दिया है।
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School Holidays in August: अगस्त में छात्रों को खूब मिलेंगी छुट्टियां, जानें कब-कब बंद रहेंगे स्कूल आईआईटी के निदेशक ने रखा था विचार रक्षा मंत्रालय द्वारा बनाई गई एससीए समिति के अध्यक्ष और आईआईटी कानपुर के निदेशक डॉ. अभय करिंदकर ने “भारत एससीए प्रोफाइल” का विचार सामने रखा था। डीईएएल/डीआरडीओ ने एसडीआर के स्वदेशी विकास के लिए रोडमैप और समय-सीमा दर्शाने वाली ड्रॉफ्ट प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाई थी। डीआरडीओ, अकादमिक व उद्योग जगत के साथ मिलकर, रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले ‘रक्षा उत्पादन में मानकीकरण’ के निदेशक (डीओएस) की निगरानी में आईआरएसए को विकसित किया जाएगा।