कानपुर

अब लेह-लद्दाख में भी यूपी-एमपी की तरह पैदा होंगी सब्जियां, आईआईटी की विशेष तकनीक

New Technology: लेह-लद्दाख में भी अब यूपी व एमपी में होने वाली सब्जियों की पैदावार होगी। आईआईटी के वैज्ञानिकों ने एक विशेष सिस्टम तैयार किया है, जिसकी मदद से सब्जियों व मिट्टी को जरूरी एक निश्चित तापमान मिलता रहेगा।

कानपुरJun 27, 2022 / 09:16 pm

Snigdha Singh

IIT Kanpur Technology will be grown UP-MP vegetables in Leh-Ladakh

आईआईटी के एमटेक छात्र अंशुल रावत ने वैज्ञानिक प्रो. मुकेश शर्मा व प्रो. अनुभा गोयल की देखरेख में इस तकनीक को विकसित किया है, जिसका पेटेंट मिल गया है। सौर ऊर्जा आधारित रूट जोन हीटिंग सिस्टम और वर्मी-बेड विधि से ऊंचाई व कम तापमान वाले क्षेत्रों में भी सब्जियों की पैदावार होगी। आमतौर पर लेह, लद्दाख जैसे पहाड़ी व बर्फीले इलाकों में तापमान अधिक गिरने पर सब्जियों की पैदावार नहीं होती है। इससे स्थानीय लोगों के साथ सीमा पर तैनात जवानों को दिक्कत होती है।
ऐसे तैयार किया जाएगा मॉडल

संस्थान के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि प्रौद्योगिकी का मूल आधार सब्जियों का ग्रीनहाउस (पॉलीहाउस) रोपण और पौधों के हीटिंग रूट जोन हैं। इसमें सौर ऊर्जा से गर्म हुए पानी ले जाने वाले जीआई (जस्ती लोहे) पाइपों का एक नेटवर्क बिछाकर और हीट ट्रांसफर को बढ़ाने के लिए जमीन के नीचे दबी जीआई पाइप के साथ एल्यूमीनियम शीट फिन को एकीकृत करके मॉडल किया जाता है।
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तापमान को ऐसे रखेंगे बरकरार

टेस्टिंग के दौरान मिट्टी में 7 से 18 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि प्राप्त की गई। इस बढ़े हुए तापमान ने पौधों को अपेक्षाकृत कम तापमान पर बाहर उगाए गए पौधों की तुलना में तेजी से और स्वस्थ तरीके से बढ़ने में मदद की। वहीं, अपशिष्ट प्रबंधन के मुद्दे को हल करने के लिए पॉलीहाउस के अंदर वर्मी कम्पोस्ट के माध्यम से जैविक कचरे का साइट पर उपचार भी एक गड्ढे में किया गया। इसमें जमीन के नीचे दबी रबर पाइप के माध्यम से गर्म पानी चलाकर वर्मी-बेड को अतिरिक्त गर्मी प्रदान की गई।
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