ऐसे तैयार किया जाएगा मॉडल संस्थान के निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि प्रौद्योगिकी का मूल आधार सब्जियों का ग्रीनहाउस (पॉलीहाउस) रोपण और पौधों के हीटिंग रूट जोन हैं। इसमें सौर ऊर्जा से गर्म हुए पानी ले जाने वाले जीआई (जस्ती लोहे) पाइपों का एक नेटवर्क बिछाकर और हीट ट्रांसफर को बढ़ाने के लिए जमीन के नीचे दबी जीआई पाइप के साथ एल्यूमीनियम शीट फिन को एकीकृत करके मॉडल किया जाता है।
यह भी पढ़े – अब डायबिटीज कैंसर और मानसिक बीमारियों के मरीजों को इलाज पर नहीं खर्च करने होंगे ज्यादा पैसे तापमान को ऐसे रखेंगे बरकरार टेस्टिंग के दौरान मिट्टी में 7 से 18 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि प्राप्त की गई। इस बढ़े हुए तापमान ने पौधों को अपेक्षाकृत कम तापमान पर बाहर उगाए गए पौधों की तुलना में तेजी से और स्वस्थ तरीके से बढ़ने में मदद की। वहीं, अपशिष्ट प्रबंधन के मुद्दे को हल करने के लिए पॉलीहाउस के अंदर वर्मी कम्पोस्ट के माध्यम से जैविक कचरे का साइट पर उपचार भी एक गड्ढे में किया गया। इसमें जमीन के नीचे दबी रबर पाइप के माध्यम से गर्म पानी चलाकर वर्मी-बेड को अतिरिक्त गर्मी प्रदान की गई।