प्रो. मणींद्र अग्रवाल के कंप्यूटिंग मॉडल के अनुरूप अभी तक मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा था और मौतें भी अधिक हो रही थी। उन्होंने कई राज्यों के डाटा के आधार पर यह मॉडल तैयार किया है। इस मॉडल के मुताबिक हर राज्य की स्थिति अलग है। उन्होंने पिछले साल के केस और कोरोना की दूसरी लहर के आंकड़े लेकर मॉडल तैयार किया है। मॉडल के अनुसार कानपुर में 28 अप्रैल तक पीक आना था, इसके बाद गिरावट दर्ज होनी थी। वर्तमान आंकड़ों के मुताबिक 30 अप्रैल तक सबसे अधिक केस रहे, इसके बाद से लगातार केसों में गिरावट आ रही है। प्रो. मणींद्र ने कहा कि विश्लेषणात्मक रिपोर्ट और एक्चुअल रिपोर्ट में एक-दो दिन का फर्क बेहद मामूली होता है। हालांकि अभी कई राज्यों में कोरोना संक्रमण का पीक आना बाकी है।
अलग-अलग शहरों का पीक टाइम शहर, पीक टाइम, कब असर कम दिखेगा कानपुर 28-30 अप्रैल 20 मई के बाद
लखनऊ 28 अप्रैल 20 मई के बाद
प्रयागराज 28 अप्रै 20 मई के बाद
वाराणसी 26-28 अप्रैल 20 मई के बाद
लखनऊ 28 अप्रैल 20 मई के बाद
प्रयागराज 28 अप्रै 20 मई के बाद
वाराणसी 26-28 अप्रैल 20 मई के बाद
कोलकाता 12 मई 12 मई के बाद
पटना 24-26 अप्रैल 1 जून के आसपास
मुंबई 20-22 अप्रैल 1 जून के आसपास
रांची 24 अप्रैल 1 जून के बाद
सूरत 10 मई 21 जून के आसपास
नोएडा 8-12 मई 12 मई के बाद धीरे-धीरे
पटना 24-26 अप्रैल 1 जून के आसपास
मुंबई 20-22 अप्रैल 1 जून के आसपास
रांची 24 अप्रैल 1 जून के बाद
सूरत 10 मई 21 जून के आसपास
नोएडा 8-12 मई 12 मई के बाद धीरे-धीरे