कानपुर

आईआईटी कानपुर प्रोफेसर का दावा, अक्टूबर से पहले हो जाए 90 प्रतिशत वैक्सीनेशन, इसके बाद शुरू होगी कोरोना की तीसरी लहर

IIT Kanpur के प्रोफेसर का दावा है कि कोरोना की तीसरी लहर दूसरी से भी ज्यादा खतरनाक होगी। दूसरी लहर का प्रकोप जुलाई माह तक खत्म हो जाएगा

कानपुरMay 10, 2021 / 04:50 pm

Karishma Lalwani

IIT Kanpur

कानपुर. Corona Virus Third Wave. कोरोना वायरस (Corona Virus) की दूसरी लहर ने त्राहि मचा दी है। रोजाना लाखों लोग महामारी की चपेट में आकर दम तोड़ रहे हैं। यूपी सरकार का दावा है कि दूसरी वेव पहली से ज्यादा खतरनाक है। इसलिए पहले से ज्यादा सावधानी बरतना भी जरूरी है। इस बीच कोरोना के तीसरी लहर (Covid Third Wave) के भी दावे किए जा रहे हैं। आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) के वैज्ञानिकों का दावा है कि कोरोना की तीसरी लहर दूसरी से भी ज्यादा खतरनाक होगी। दूसरी लहर का प्रकोप जुलाई माह तक खत्म हो जाएगा। अक्टूबर से तीसरे वेव की शुरुआत हो जाएगी। आईआईटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक, पद्मश्री व कंप्यूटिंग मॉडल से कोरोना की लहर को बताने वाले प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने इस बात का दावा किया है। उन्होंने यह दावा इसी मॉडल के आधार पर किया है और सरकार को थर्ड वेव से निपटने के लिए कई सुझाव भी दिए हैं।
फर्स्ट वेव और सेकंड वेव के डाटा रिपोर्ट के आधार पर प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने एक मॉडल तैयार किया है। इस मॉडल के आधार पर उन्होंने कोरोना का पीक और उसके उतार के बारे में जानकारी दी है। कोरोना की दूसरी लहर को लेकर अनुमान पिछले माह शुरू हुआ था जो कि अब तक सही जा रहा है। उनके अनुसार मॉडल के अनुरूप ही प्रदेश में कोरोना का पीक व उतार हो रहा है। इसी मॉडल के आधार पर प्रोफेसर ने कहा कि जुलाई 2021 तक पूरे देश में कोरोना की स्थिति लगभग सामान्य हो जाएगी। मगर अक्टूबर से स्थिति और गंभीर हो जाएगी। प्रो. मणींद्र ने सुझाव दिया है कि कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए नियमों का कड़ाई से पालन होना चाहिए। तीसरी वेव की शुरुआत तक 90 प्रतिशत लोगों का वैक्सीनेशन हो जाना चाहिए।संक्रमण की तीसरी लहर आने से पहले सरकार को बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, मेडिकल उपकरण, दवाईयां, ऑक्सीन कंसंट्रेटर, पैरामेडिकल स्टाफ आदि की व्यवस्था कर लेना चाहिए।
जानें आर नॉट वैल्यू का गणित

प्रो. मणींद्र ने कोरोना में आर नॉट वैल्यू का गणित को समझाया है। उन्होंने कहा कि महामारी की भयावहता को मापने के लिए आर नॉट वैल्यू निकाली जाती है। कोरोना की फर्स्ट वेव में आर नॉट वैल्यू दो से तीन के करीब थी। मतलब एक व्यक्ति दो से तीन लोगों को संक्रमित कर रहा था। जबकि सेकेंड वेव में आर नॉट वैल्यू चार से पांच के करीब है। मतलब एक व्यक्ति कम से कम चार से पांच लोगों को संक्रमित कर रहा है। अब अगर आर नॉट वैल्यू पांच के करीब पहुंचती है, तो यह खतरनाक हो सकता है। जब आर नॉट वैल्यू एक से कम होती है तो यह महामारी नहीं रह जाती है।
बच्चों को लेकर कही ये बात

प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर खतरनाक है। तीसरी लहर की चपेट में बच्चे होंगे, इस तरह की बातें केवल डराने वाली है। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीन लगवाएं, और मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। कानपुर वायरस की तीसरी लहर आने के नाम से लोग डरे और सहमें हुए है। तीसरी लहर से पहले मेडिकल व्यवस्थाएं ठीक कर ली जानी चाहिए। इसके साथ ही वैक्सीनेशन पर ज्यादा फोकस किया जाए।
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