फर्स्ट वेव और सेकंड वेव के डाटा रिपोर्ट के आधार पर प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने एक मॉडल तैयार किया है। इस मॉडल के आधार पर उन्होंने कोरोना का पीक और उसके उतार के बारे में जानकारी दी है। कोरोना की दूसरी लहर को लेकर अनुमान पिछले माह शुरू हुआ था जो कि अब तक सही जा रहा है। उनके अनुसार मॉडल के अनुरूप ही प्रदेश में कोरोना का पीक व उतार हो रहा है। इसी मॉडल के आधार पर प्रोफेसर ने कहा कि जुलाई 2021 तक पूरे देश में कोरोना की स्थिति लगभग सामान्य हो जाएगी। मगर अक्टूबर से स्थिति और गंभीर हो जाएगी। प्रो. मणींद्र ने सुझाव दिया है कि कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए नियमों का कड़ाई से पालन होना चाहिए। तीसरी वेव की शुरुआत तक 90 प्रतिशत लोगों का वैक्सीनेशन हो जाना चाहिए।संक्रमण की तीसरी लहर आने से पहले सरकार को बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, मेडिकल उपकरण, दवाईयां, ऑक्सीन कंसंट्रेटर, पैरामेडिकल स्टाफ आदि की व्यवस्था कर लेना चाहिए।
जानें आर नॉट वैल्यू का गणित प्रो. मणींद्र ने कोरोना में आर नॉट वैल्यू का गणित को समझाया है। उन्होंने कहा कि महामारी की भयावहता को मापने के लिए आर नॉट वैल्यू निकाली जाती है। कोरोना की फर्स्ट वेव में आर नॉट वैल्यू दो से तीन के करीब थी। मतलब एक व्यक्ति दो से तीन लोगों को संक्रमित कर रहा था। जबकि सेकेंड वेव में आर नॉट वैल्यू चार से पांच के करीब है। मतलब एक व्यक्ति कम से कम चार से पांच लोगों को संक्रमित कर रहा है। अब अगर आर नॉट वैल्यू पांच के करीब पहुंचती है, तो यह खतरनाक हो सकता है। जब आर नॉट वैल्यू एक से कम होती है तो यह महामारी नहीं रह जाती है।
बच्चों को लेकर कही ये बात प्रो. मणींद्र अग्रवाल ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर खतरनाक है। तीसरी लहर की चपेट में बच्चे होंगे, इस तरह की बातें केवल डराने वाली है। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीन लगवाएं, और मास्क लगाएं और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। कानपुर वायरस की तीसरी लहर आने के नाम से लोग डरे और सहमें हुए है। तीसरी लहर से पहले मेडिकल व्यवस्थाएं ठीक कर ली जानी चाहिए। इसके साथ ही वैक्सीनेशन पर ज्यादा फोकस किया जाए।