दरअसल आईआईटी कानपुर के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के प्रो. मणींद्र अग्रवाल और उनकी टीम ने कम्प्यूटिंग माडल के आधार पर देश के कई राज्यों और वहां के शहरों में कोरोना का मार्च, अप्रैल, मई और जून का पीक टाइम तैयार किया था। इस माडल की खूबियों को देखते हुए यूपी सरकार पहले ही जिलों में आक्सीजन आडिट करने की जिम्मेदारी आईआईटी को दे चुकी है। प्रो. मणींद्र अग्रवाल (IIT Pro. Manindra Agrawal) की मानें तो माडल की सहायता से उप्र और दिल्ली के शहरों में संक्रमण फैलने की रिपोर्ट पहले ही दे दी जाएगी।
इससे संक्रमण फैलने की गति आदि अन्य रिपोर्ट तैयार होगी। साथ ही तीसरी लहर को रोकने के लिए सरकार रणनीति बना सकेगी। इसके साथ ही सरकार नियंत्रण के लिए सही समय पर लॉकडाउन, साप्ताहिक बंदी या नाइट कर्फ्यू पर निर्णय ले सकेगी। इस मुद्दे पर आईआईटी निदेशक प्रो. अभय करंदीकर ने बताया कि दोनो राज्यों के प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत चल रही है। जल्द ही संस्थान के साथ करार किया जाएगा। आइआइटी कोरोना संक्रमण को लेकर पूरा प्लान तैयार कर रहा है। प्रो. मणींद्र अग्रवाल के नेतृत्व में काम किया जाएगा।