आईसीएमआर ने चिकित्सीय सुविधा को अत्याधुनिक करने के लिए देशभर के टॉप आईआईटी के साथ समझौता किया है। इस समझौते के तहत आईसीएमआर ने आईआईटी कानपुर की तरह आईआईटी दिल्ली, आईआईटी बांबे, आईआईटी मद्रास, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी गुवाहाटी समेत कुछ अन्य संस्थानों में भी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की है। इस सेंटर में वैज्ञानिकों को अलग-अलग सेक्टर में शोध करने का लक्ष्य दिया गया है। कानपुर को चार क्षेत्र में शोध का लक्ष्य दिया गया है। इससे ग्रामीणों को भी इलाज मिल सकेगा।
यह भी पढ़े – क्या होता है ‘हनीट्रैप’, कैसे फंस जाते हैं बड़े अफसर से लेकर शातिर अपराधी आईसीएमआर को देगी हर साल नई डिवाइस आईआईटी के वैज्ञानिक व स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर के प्रभारी प्रो. अमिताभ बंदोपाध्याय के मुताबिक इस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रख रिसर्च होगी। इस रिसर्च में तैयार उपकरण या डिवाइस की कीमत को भी विशेष ध्यान रखा जाएगा क्योंकि इसका उद्देश्य सस्ती मेडिकल डिवाइस तैयार करना है। जिससे गांव-गांव तक अत्याधुनिक चिकित्सीय सुविधा व उपकरण पहुंच सके। आईआईटी ने आईसीएमआर को हर साल पांच नई डिवाइस देने की योजना तैयार की है। इन डिवाइस की कीमत कम होगी। इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा।