14 सितंबर 1949 में मिला था राजभाषा का दर्जा डॉक्टर आनंद सिंह ने कहा कि सन 1949 में 14 सितंबर के दिन ही हिंदी भाषा को राजभाषा का दर्जा मिला था। जिसके बाद से अब तक हर वर्ष यह दिन हिंदी दिवस के तौर पर मनाया जाता है। डॉ सिंह ने बताया कि इस दिन को महत्व के साथ याद करना इसलिए जरूरी है। क्योंकि अंग्रेजों से आजाद होने के बाद यह देश वासियों की स्वाधीनता की भी एक निशानी है।
14 सितंबर 1953 मनाया गया था हिंदी दिवस डॉक्टर आनंद सिंह ने कहा कि पहला हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था। विश्वविद्यालय में अंग्रेजी के साथ साथ हिंदी में भी कार्य ने गति पकड़ी है। विभिन्न प्रकाशन में अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी का भी काफी प्रयोग हो रहा है। साथ ही हिंदी में पत्राचार की संख्या में वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की वेबसाइट एवं कृषि विज्ञान केंद्रों के पोर्टल पर भी हिंदी में जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है।
इस दौरान कुलपति ने विश्व विद्यालय परिवार के सभी अधिकारी, शिक्षक, वैज्ञानिक एवं कर्मचारियों तथा छात्र छात्राओं व पत्रकारों को शुभकामनाएं भी दी ।