यह खुलासा जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज और जेके कैंसर संस्थान के संयुक्त शोध में हुआ है। शोध में पित्ताशय कैंसर के 90 मरीजों को लिया गया। 30 महीने तक चले शोध में सामने आया कि पित्ताशय में कैंसर होने का मुख्य कारण पथरी ही होता है। इसलिए पथरी भरे पित्ताशय को लम्बे समय तक नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। शोध में सामने आया कि पित्ताशय कैंसर का 80 फीसदी कारण पथरी और 20 फीसदी कारण टाइफाइड है। महिलाओं में पथरी सबसे ज्यादा बनती है। शोध में शामिल 61 महिलाएं तो 29 पुरुष गाल ब्लैडर के कैंसर के शिकार हुए।
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41-50 26.67 फीसदी 51-60 53.55 फीसदी 61-70 31.11 फीसदी खानपान की आदत -मांसाहारी भोजन करने वाले 52.22 फीसदी में पथरी के कारण कैंसर मिला -शाकाहारी भोजन करने वाले 47.78 फीसदी लोगों में पथरी के कारण कैंसर
बॉडी मास इंडेक्स 73 फीसदी में मोटापा मिला यानी उनका बीएमआई 25 से ज्यादा मिला बीएमआई 25 से कम आने पर मोटापा का मानक सामान्य माना जाता नॉन वेजिटेरियन में अधिक खतरा
प्रोफेसर सर्जरी विभाग और एसआईसी जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज प्रो. आरके मौर्या के अनुसार शोध ने साबित कर दिया है कि पथरी 6 महीने पहले तकलीफ के संकेत दे देती है। महिलाओं और नॉन वेजिटेरियन में पथरी और इसके कारण कैंसर ज्यादा होता है। अब पथरी हर वर्ग में हो रही है, पहले निम्न और मध्यम वर्ग में होने का रिकॉर्ड रहा है।