सर्राफा कारोबारियों के लिए अब गहनों में हॉलमार्किंग अनिवार्य की गई है। ऐसे ने ग्राहक भी बाहर में गहनों की खरीददारी करते समय हॉलमार्क का विशेष ध्यान रखें। हॉलमार्किंग से इस बात की गारंटी होती है कि जो सामान दुकानदार ने ग्राहक को बेचा है, वह उतने ही कैरेट का है, जिनता आभूषण पर लिखा है। इससे ग्राहक गहनें खरीदते समय धोखाधड़ी का शिकार होने से बच सकते हैं। इससे ग्राहक और सर्राफा कारोबारी दोनों का हित बना रहता है।
हॉलमार्किंग भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम के तहत होती है। भारत अपनी खपत का अधिकतर सोना विदेशों से आयात करता है। इसलिए वैश्विक गतिविधियों और डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमतों में उतार चढ़ाव का असर सोने-चांदी की कीमतों पर पड़ता है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा सोना आयातक है। आभूषण उद्योग की मांग पूरा करने के लिए बड़ी मात्रा में सोना विदेशों से मंगाया जाता है।