दरअसल, जब तक आरोपियों को जमानत अर्जी दाखिल नहीं होती है। रासुका की फाइल को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। पुलिस को उनकी जमानत अर्जी दाखिल करने का इंतजार है। जमानत अर्जी जैसे ही दाखिल होती है, पुलिस फाइल को आगे बढ़ाएगी। वहीं मिलिट्री इंटेलीजेंस लखनऊ यूनिट को सूचना मिली थी कि कोलकत्ता से रेमडेसिविर इंजेक्शन की खेप कानपुर भेजी जा रही है। इस सूचना पर एसटीएफ ने बाबूपुरवा पुलिस के साथ मिलकर तस्करों को दबोचने का प्लान बनाया था। इंजेक्शन की खेप नौबस्ता खाड़ेपुर निवासी मोहन सोनी रिसीव करने वाला है। इसके बाद एसटीएफ ने बाबूवुरवा पुलिस के साथ मिलकर मोहन सोनी, सचिन कुमार और प्रशांत शुक्ला को अरेस्ट कर लिया था।
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अपूर्व मुखर्जी की डिटेल खंगालने में जुटी पुलिस
पुलिस ने रासुका की फाइल तैयार करने से पहले जानकारों की राय ली है। पुलिस ने दिखाया है कि तस्करों के पास से 265 रेमडेसिविर इजेक्शन बरामद हुए हैं। जब रेमडेसिविर की किल्लत थी, उस वक्त इनके पास अवैध तरीके से 265 इंजेक्शन थे। जिसमें 200 लोगों की जान बचाई जा सकती थी। जरूरमंदों को कई गुना मंहगे दामों में बेचने की नियत से इकट्ठा किया गया था। वहीं पश्चिम बंगाल में शोभित मुखर्जी के दवा के बड़े कारोबारी है। शोभित मुखर्जी के बेटे अपूर्व मुखर्जी ने कानपुर के मोहन सोनी को रेमडेसिविर इंजेक्शन की खेप भेजी थी। एसटीएफ की कई टीमें शोभित मुखर्जी और अपूर्व मुखर्जी की डिटेल खंगालने में जुटी है। कानपुर पुलिस पश्चिम बंगाल पुलिस से संपर्क कर इन्हे दबोचने का प्रयास कर रही है।