scriptKanpur: मौत के डेढ़ साल बाद भी मां-बाप ने बेटे की बॉडी घर में रखी, हालत देख उड़े होश | Even after one and a half year of death in Kanpur parents kept the body of son in house | Patrika News
कानपुर

Kanpur: मौत के डेढ़ साल बाद भी मां-बाप ने बेटे की बॉडी घर में रखी, हालत देख उड़े होश

कानपुर के रावतपुर थाना क्षेत्र के कृष्णापुरी रोशन नगर में एक परिवार डेढ़ साल से आयकर अधिकारी के शव को घर में रखे हुए था। शुक्रवार को जब मामले का खुलासा हुआ तो शव को एलएलआर अस्पताल पहुंचाया गया। अधिकारी की मौत पिछले साल 22 अप्रैल 2021 को हुई थी। तब से परिजन बेटे का शव में रखे थे।

कानपुरSep 24, 2022 / 10:09 am

Jyoti Singh

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Even after one and a half year of death in Kanpur parents kept the body of son in house

यूपी के कानपुर में एक बेहद ही हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। रावतपुर थाना क्षेत्र के कृष्णापुरी रोशन नगर में एक परिवार डेढ़ साल से आयकर विभाग के अधिकारी विमलेश दीक्षित के शव को घर में रखे हुए था। शुक्रवार को जब मामले का खुलासा हुआ तो लोगों के होश उड़ गए। सूचना पुलिस को दी गई जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम सहित पुलिस मौके पर पहुंची और शव को एलएलआर अस्पताल पहुंचाया। बताया जाता है कि विमलेश की मौत पिछले साल कोरोना काल में 22 अप्रैल 2021 को हुई थी। उस समय परिजनों ने विमलेश को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर डेथ सर्टिफिकेट जारी कर दिया। लेकिन परिवार में खासतौर से विमलेश के मां-बाप को भरोसा नहीं हो रहा था। वह शव को दूसरे अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर द्वारा मृत घोषित करने के बाद परिजन बेटे का शव घर ले आए।
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ममी में तब्दील हो गया शव

जानकारी के अनुसार, परिजन बेटे की पत्नी को भी उसके जिंदा होने का विश्वास दिलाते रहे। इसके बाद उन्होंने शव को घर में ही रखा और रोजाना शव पर गंगाजल छिड़कते रहे। वह उसे जिंदा ही मान रहे थे। कुछ महीने तो ऑक्सीजन भी लगाई थी। रोज गंगाजल से तो कभी डिटॉल से शव को पोछते रहते थे। धीरे-धीरे शव सूखता चला गयाए लेकिन मां-बाप की उम्मीदें जिंदा रहीं। दोनों इस कदर अवसाद में थे कि पूछताछ सच्चाई मानने को तैयार ही नहीं थे। डॉक्टरों का दावा है कि माता-पिता की देखभाल के चलते ही शव सड़ नहीं पाया और धीरे-धीरे विमलेश का लंबा चौड़ा शरीर ममी में तब्दील हो गया।
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पड़ोसियों को भी नहीं लगी भनक

शुक्रवार को जब डेढ़ साल से घर में शव रखे जाने की जानकारी हुई तो लोगों के होश उड़ गए। सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस के आते ही हंगामा मच गया। घरवाले पुलिस से पत्नी की हालत ठीक नहीं होने की दुहाई देकर शव न ले जाने की बात कहते रहे। पुलिस अधिकारियों का कहना है की पत्नी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए उनसे पति के बीमार होने की जानकारी देकर स्वास्थ्य कर्मियों को बुलाकर शव को एलएलआर अस्पताल भिजवाया गया है। वहीं पड़ोसियों ने पूछताछ में बताया कि उन्हें यही बताया गया था कि विमलेश जिंदा है और कोमा में है। डेढ़ साल से रोजाना घर पर ऑक्सीजन सिलेंडर भी लाए जा रहे थे। जिससे उन्हें विमलेश की मौत का कभी अहसास ही नहीं हुआ।
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ऐसे हुआ था मामले का खुलासा

सीएमओ डॉ. आलोक रंजन ने बताया कि आयकर विभाग के कर्मचारी हैं। मृत्यु प्रमाणित न होने की वजह से पारिवारिक पेंशन का निर्धारण नहीं हो पा रहा था। इसलिए आयकर विभाग ने सीएमओ से जांच कराकर रिपोर्ट देने का आग्रह किया था। उनके आग्रह पर सीएमओ ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है। घरवाले विरोध कर रहे थे इसलिए पुलिस बुलानी पड़ी। उनकी मृत्यु डेढ़ वर्ष पहले ही हो चुकी है। डॉ. सुनिति पांडेय, विभागाध्यक्ष ने बताया कि मृत्यु के बाद शव से कुछ दिन सड़न होती है। बदबू भी आई होगी। शव की सफाई करते रहने से बैक्टीरिया, वायरस हटते रहे जिससे मांस सूख गया होगा। तब बदबू नहीं आती। फिलहाल जांच कमेटी ने ईसीजी जांच के बाद शव पुलिस को सौंप दिया। देर रात शव का भैरव घाट स्थित विद्युत शवदाह गृह में अंतिम संस्कार कर दिया।

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