खुद को रखें सकारात्मक जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के स्त्री एंव प्रसूति रोग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. किरन पांडेय कहती हैं कि गर्भवती महिलाओं को इस दौर में तनाव नहीं लेना चाहिए। इस माहौल में खुद को सकारात्मक रखना जरूरी है। यह मां और शिशु दोनों की सेहत के लिए अच्छा है। अगर गर्भवती अस्थमा, बीपी आदि से ग्रसित है तो उसे अपने डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए। वहीं, अगर गर्भावस्था के दौरान कोई महिला संक्रमित हो जाती है, तो इसका असर उसके आने वाले बच्चे पर पड़ सकता है। नवजात शिशु अपनी मां के प्रभाव से कोरोना संक्रमित हो सकता है। इसे वर्टिकल ट्रांसमिशन कहते हैं। इससे बचने के लिए अपने आसपास के एरिया को साफ सुथरा रखें।
इन बातों का रखें ख्याल – स्वच्छ वातावरण में रहें। – मास्क, सैनिटाइजर का प्रयोग करें। – भीड़भाड़ वाले स्थानों से करें परहेज। – गर्भधारण के दौरान होने वाली नियमित जांचें जरूर कराएं।
– हाइपरटेंशन से बचें और संतुलित आहार लें। ये भी पढ़ें: UP Corona Update: कम होता दिख रहा कोविड का असर, करीब 30 हजार लोगों ने दी कोरोना को मात ये भी पढ़ें: महामारी के दौर में शुरू हुई ऑक्सीजन लंगर सेवा, इस नंबर पर करें कॉल, संक्रमित मरीजों के लिए निशुल्क मिलेगा सिलेंडर