उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल जिले स्थित मंदिर के पीछे मेरु-सुमेरु पर्वत श्रृंखला की तलहटी पर ऑटोमैटिक वेदर सिस्टम (एडब्लूएस) को स्थापित कर दिया गया है। ये सिस्टम जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के प्रयासों से यह सिस्टम स्थापित किया गया है। अब वहां के लोग मौसम की जानकारी ले पा रहे।
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आईआईटी कानपुर के प्रो. इंद्रसेन की मदद से इसे उत्तराखंड में लगाया जा सका है। जब से वेदर फोरकॉस्ट सिस्टम लगा है केदारनाथ में तापमान, बारिश की संभावना, आद्रता की जानकारी मिल रही है। अभी मौके पर जाकर मौसम से जुड़े सभी डेटा की रीडिंग ली जा रही है। एक सप्ताह के भीतर केदारपुरी क्षेत्र में मौजूद लोगों के पास केदारनाथ मौसम का पल-पल की जानकारी मोबाइल पर भी मिलने लगेगी। आईआईटी ने इसकी शुरुआत कानपुर से ही की थी।
आईआईटी कानपुर के प्रो. इंद्रसेन की मदद से इसे उत्तराखंड में लगाया जा सका है। जब से वेदर फोरकॉस्ट सिस्टम लगा है केदारनाथ में तापमान, बारिश की संभावना, आद्रता की जानकारी मिल रही है। अभी मौके पर जाकर मौसम से जुड़े सभी डेटा की रीडिंग ली जा रही है। एक सप्ताह के भीतर केदारपुरी क्षेत्र में मौजूद लोगों के पास केदारनाथ मौसम का पल-पल की जानकारी मोबाइल पर भी मिलने लगेगी। आईआईटी ने इसकी शुरुआत कानपुर से ही की थी।
जिलाधिकारी के अनुसार केदारनाथ में ऑटोमैटिक वेदर सिस्टम स्थापित होने से वहां के मौसम के बारे में सटीक जानकारी मिल रही। अन्य स्थानों पर भी लगाने की तैयारी है। वहीं, बारिश व बर्फबारी का पूर्वानुमान मिलने से जरूरी व्यवस्थाएं करने में भी मदद मिलेगी। पुनर्निर्माण कार्यों और हेलीकॉप्टर संचालन में भी मदद मिलेगी। बारिश के पहले अलर्ट जारी करने का साथ लोगों के संवेदनशील इलाकों में आने-जाने में रोक लगेगी।