उड़ीसा की रहने वाली थी डॉ पल्लवी
35 साल की डॉक्टर पल्लवी उड़ीसा की रहने वाली थी। वह आईआईटी कानपुर के बायो साइंस और बायो इंजीनियरिंग विभाग से जुड़ी थीं। उनका शव मिलने से आईआईटी कानपुर में हड़कंप मच गया। इसी साल अगस्त महीने में डॉ. पल्लवी आईआईटी कानपुर में शामिल हुईं और छात्रावास में रह रही थीं।
35 साल की डॉक्टर पल्लवी उड़ीसा की रहने वाली थी। वह आईआईटी कानपुर के बायो साइंस और बायो इंजीनियरिंग विभाग से जुड़ी थीं। उनका शव मिलने से आईआईटी कानपुर में हड़कंप मच गया। इसी साल अगस्त महीने में डॉ. पल्लवी आईआईटी कानपुर में शामिल हुईं और छात्रावास में रह रही थीं।
पुलिस का दावा है कि कमरा अंदर से बंद था और काफी देर तक दरवाजा खटखटाने के बाद पुलिस टीम के एक सदस्य ने अंदर झांका तो डॉ. पल्लवी का शव लटकता देख दंग रह गये।
IIT कानपुर का आया बयान
डॉक्टर पल्लवी की मौत पर IIT कानपुर का बयान सामने आया है। संस्थान ने कहा, ‘आईआईटी कानपुर गहरे दुख के साथ, संस्थान के जैविक विज्ञान और बायोइंजीनियरिंग विभाग में एक शोध स्टाफ सदस्य, डॉ पल्लवी चिल्का के असामयिक और दुर्भाग्यपूर्ण निधन पर शोक व्यक्त करता है। एक होनहार युवा शोधकर्ता, डॉ चिल्का, अपने पोस्टडॉक्टरल शोध को आगे बढ़ाने के लिए संस्थान में शामिल हुईं। 19 दिसंबर को वह अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाई गईं।
डॉक्टर पल्लवी की मौत पर IIT कानपुर का बयान सामने आया है। संस्थान ने कहा, ‘आईआईटी कानपुर गहरे दुख के साथ, संस्थान के जैविक विज्ञान और बायोइंजीनियरिंग विभाग में एक शोध स्टाफ सदस्य, डॉ पल्लवी चिल्का के असामयिक और दुर्भाग्यपूर्ण निधन पर शोक व्यक्त करता है। एक होनहार युवा शोधकर्ता, डॉ चिल्का, अपने पोस्टडॉक्टरल शोध को आगे बढ़ाने के लिए संस्थान में शामिल हुईं। 19 दिसंबर को वह अपने हॉस्टल के कमरे में मृत पाई गईं।
पुलिस की एक फोरेंसिक टीम ने मौत के कारण की समीक्षा करने के लिए परिसर का दौरा किया। संस्थान मौत का संभावित कारण निर्धारित करने के लिए पुलिस जांच का इंतजार कर रहा है। डॉ चिल्का के निधन से संस्थान ने एक प्रतिभाशाली और होनहार युवा शोधकर्ता खो दिया।’