हालांकि इससे बचाव के लिए शासन ने लेवल टू और थ्री के हॉस्पिटल को पुनः चालू करने के लिए निर्देशित किया है। इसकी भयावहता का आकलन आइआइटी के विशेषज्ञों ने किया है। उनकी रिपोर्ट के अनुसार कोरोना की दूसरी लहर पहली से ज्यादा तेज हो सकती है। यह अनुमान उन्होंने पिछले वर्ष और मौजूदा केसों में वृद्धि के दर को देखते हुए लगाया है। आइआइटी के फिजिक्स के प्रो. महेंद्र कुमार वर्मा, एयरो स्पेस इंजीनियरिंग के असि. प्रो. राजेश रंजन और पुरातन छात्र आर्यन शर्मा ने शोध किया है। उनके रिसर्च को संस्थान ने अपने ट्विटर अकाउंट में साझा किया है। उनकी रिपोर्ट के मुताबिक अक्टूबर 2020 से फरवरी 2021 तक संक्रमण के दर में गिरावट हुई। 27 मार्च 2021 को केसों के बढऩे की दर मई 2020 के बराबर थी। विशेषज्ञों ने शारीरिक दूरी का पालन न करने पर अगले तीन से चार महीने में एक्टिव केसों की संख्या काफी बढऩे की आंशका जताई है। महाराष्ट्र के बाद पंजाब, हरियाणा, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में संक्रमण फैल सकता है।
महाराष्ट्र (Maharashtra) एवं गुजरात (Gujrat) से यहां कोरोना वायरस रूप बदल कर आया है। इस वजह से घातक अधिक है। कोरोना संक्रमित कोविड हॉस्पिटल (Covid Hospital) में भर्ती होने के दो-तीन दिन में दम तोड़ रहे हैं। वायरस के रूप का पता लगाने के लिए मेडिकल कॉलेज की कोविड लैब से लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) की इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) की लैब में नमूने भेजे गए हैं। उप प्राचार्य एवं मेडिसिन विभागाध्यक्ष प्रो. रिचा गिरि का कहना है कि कोरोना वायरस में लगातार म्यूटेशन हो रहा है। अब यह और भी घातक हो गया है। मेडिलक कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विकास मिश्रा का कहना है कि वायरस के रूप का पता लगाने के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए नमूने भेजे गए हैं। उनकी रिपोर्ट अभी केजीएमयू से नहीं आई है। उसकी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।