कानपुर

कानपुर में पहली बार क्रानिक एसपरजिलस फंगस मरीज मिला, आंख निकाली जाएगी

UP News: शहर में कोरोना काल में ब्लैक फंगस ने संक्रमितों में खौफ पैदा कर दिया था। कोरोना मरीजों में ब्लैक और येलो फंगस संक्रमण के भी मामले सामने आए, लेकिन पहली बार शहर में क्रानिक एसपरजिलस फंगल संक्रमण का मरीज मिला है।

कानपुरJul 20, 2022 / 11:40 pm

Snigdha Singh

Chronic Aspergillus fungus patient found first time in Kanpur eye removed

जीएसवीएम मेडिकल कालेज के न्यूरो सर्जरी विभाग में भर्ती मरीज के आंख, नाक और दिमाग तक एसपरजिलस फंगस यानी सफेद फंगस फैलने की पुष्टि हुई है। अब उसकी जान बचाने के लिए डाक्टरों की टीम सर्जरी कर आंख निकालेंगी। उसके दिमाग व साइनस के टिश्यू भी खरोंच कर हटाएंगे।
शकील को तीन महीने से झटके आ रहे थे। उनकी एक आंख बाहर की तरफ निकलने पर परिजन 26 जून को हैलट के न्यूरो सर्जरी विभाग में लेकर आए। उन्हें न्यूरो सर्जरी विभाग में परीक्षण के बाद ईएनटी विभाग के विशेषज्ञों के पास जांच के लिए भेजा गया। इंडोस्कोपी जांच में नाक, आंख और साइनस में एसपरजिलस फंगस जैसा संक्रमण फैलने का संदेह हुआ। तब बायोप्सी जांच के लिए प्रभावित हिस्से के टिश्यू लेकर जांच के लिए पैथोलाजी विभाग भेजे गए। मंगलवार रात को जारी रिपोर्ट में एसपरजिलस फंगस के संक्रमण की पुष्टि हुई है।
आई, ईएनटी और न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टर करेंगे सर्जरी

डॉ.मनीष सिंह, हेड न्यूरो सर्जरी विभाग , जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के अनुसार शकील की फंगस की वजह से एक आंख की रोशनी चली गई है, दूसरी भी फंगस से प्रभावित है। एमआरआई जांच में दिमाग के दोनों हिस्से में फंगस का संक्रमण फैलने की पुष्टि हुई है। अब आई, ईएनटी और न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टर मिलकर सर्जरी करेंगे।
पहली बार ऐसा केस

डॉ.शालिनी मोहन , प्रोफेसर, नेत्र विभाग, जीएसवीएम ने बताया मरीज में गंभीर एसपरजिलस फंगस मिला है। उसके दिमाग में भी संक्रमण हो गया है। इस तरह का फंगस डायबिटीज और साइनस के मरीजों में डायग्नोस होता है पर नान डायबिटीक, नान कोविड मरीज में इतना गंभीर पहली बार मिला है।
क्या है एसपरजिलस

विशेषज्ञ कहते हैं कि एसपरजिलस एक प्रकार का फंगस (कवक) है, जो वातावरण में बहुत अधिक मात्रा में मौजूद होता है। सांस लेने के दौरान अधिकतर लोगों के शरीर में यह फंगस प्रवेश कर जाता है, लेकिन स्वस्थ व्यक्ति की सेहत पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
किन लोगों को खतरा-

जिन लोगों का प्रतिरक्षा तंत्र (इम्यूनिटी) कमजोर होता है, उनके शरीर में ये एसपरजिलस फंगस संक्रमण और एलर्जी पैदा कर सकता है। इसके अलावा उन लोगों को एसपरजिलस संक्रमण का खतरा अधिक होता है, जो कैंसर, टीबी, एम्फसीमा और सिस्टिक फाइब्रोसिस या अस्थमा के मरीज हैं।
इस स्थिति में मरीज की हो सकती है मौत

एसपरजिलस के कारण होने वाली बीमारी एसपरजिलोसिस कई प्रकार की होती है, जिसमें से एक है इनवेसिव एसपरजिलोसिस। यह संक्रमण का सबसे गंभीर प्रकार है। इसमें संक्रमण रक्तवाहिकाओं और ऊतकों में फैल जाता है। अगर समय पर इसकी पहचान कर इलाज न किया जाए, तो इसके कारण मरीज की मौत भी हो सकती है।

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