सीजीएसटी टीम ने दोनों भाइयों के आवास और कारखाने में छापे मारे। कानपुर में बिरहाना रोड स्थित उनके रिश्तेदार रामावतार गुप्ता और सहदेव गुप्ता के आवास को भी जांच की जद में लिया। दोनों फर्मों के सलाहकार कीर्ति शंकर शुक्ल उर्फ श्यामू शुक्ल के दफ्तरों पर भी कानपुर में छापे मारे गए। कारोबारियों के सारे दस्तावेज वहीं रखे जाते थे। नयागंज में उन्हें सप्लाई करने वाले कारोबारियों पर भी सीजीएसटी ने शिकंजा कसा है। सप्लाई करने वाले कारोबारियोंम समेत इनके रिश्तेदारों से भी पूछताछ की जाएगी।
यह भी पढ़े – आईआईटी के वैज्ञानिक का दावा, तीसरी की तरह होगी चौथी लहर यूपी में सबसे बड़ी कैश रिकवरी में से एक सीजीएसटी कानपुर की यह प्रदेश की सबसे बड़ी कैश रिकवरी है। टीम ने दोनों भाइयों के कमरों में रखे डबल बेड से 6,31,11,800 रुपये बरामद किए। इनमें दो हजार रुपये के नोटों की गड्डियां दोनों भाइयों ने अपने बिस्तर में बिछा रखी थीं। इनकी गिनती के लिए स्टेट बैंक आफ इंडिया से नोट गिनने वाली तीन मशीनें मंगानी पड़ीं।
80 लाख रुपये का माल भी बरामद, जब्त सीजीएसटी कमिश्नर सोमेश तिवारी के मुताबिक दोनों कारोबारियों ने कबूल किया है कि यह रकम बिना दस्तावेजों के माल बेचकर जमा की गई है। उनके कारखानों से बिना दस्तावेजों के 1520 किलो सुपारी, 6 बोरा तंबाकू, 95 किलो पैकिंग रोल, 13,700 पाउच सुपारी और 38000 पाउच तंबाकू जब्त की गई। इससे लगभग 80 लाख रुपये का अघोषित माल तैयार होना था। पूरा कच्चा माल नयागंज स्थित कारोबारियों से खरीदा जाता था और बिक्री कैश में हमीरपुर सहित आसपास के इलाकों में की जाती थी। छापों में लैपटाप और मोबाइल भी जब्त किए गए हैं।
यह भी पढ़े – डेढ़ लाख की पिस्टल मिल रही है सिर्फ 10 हजार में, आपको भी चाहिए तो यहां करें संपर्क गल्ला कारोबार में बर्बाद हो चुके थे दोनों भाई पिछले महीने इत्र कारोबारी का मामला शांत नहीं हुआ कि एक और मामला सामने आ गया। गुप्ता बंधुओं के पड़ोसिए ने बताया कि दोनों भाई पहले गल्ला का काम करते थे। फिर 2001 में घर में ही गुटखा फैक्ट्री लगाई। धीरे धीरे व्यापार फैसलता गया। लेकिन दोनों भाइयों ने रहन-सहन नहीं बदला। जिस तरह चार कमरों में परिवार सहित पहले रहते थे वैसे ही अभी भी रह रहे हैं।