कानपुर

बिकरूकांडः आखिर कौन है जो रहस्यमयी गाड़ियों से अपराधियों के परिवार को पहुंचा रहा है राशन

Bikarukand Kanpur: बिकरू कांड से प्रदेश ही नही पूरे देश में दहशत फैलने वाले अपराधियों के परिवार वालो को आज भी खूफिया तरीके खाने पीने और राशन मुहैया हो रहा है। लेकिन प्रश्न ये है कि कौन लोग हैं जो अपराधियों को पनपने में मदद कर रहे। पुलिस भी पता नहीं लगा पा रही।

कानपुरJul 01, 2022 / 11:57 pm

Snigdha Singh

Bikrukand 2 Years who All providing ration to the families of criminal

बिकरू में कुछ परिवार ऐसे भी है जिनके परिवार के लोग विकास दुबे के गुर्गे रहे। वह या तो एनकाउंटर में मारे गए या फिर पुलिस ने उन्हें जेल भेज दिया। ऐसे दस परिवारों में या तो वृद्ध या फिर सिर्फ महिलाएं रह गई है। घर पर अकेला होने के बावजूद उन्हें जीवन यापन में कोई तकलीफ नहीं हो रही। कारण है दो कारे जिसमें उनके मददगार महीने में दो बार बिकरू पहुंचते हैं। उन परिवारों की आर्थिक मदद के अलावा घरेलू सामान भरने में मदद करते हैं और फिर वापस लौट जाते हैं। पुलिस को इसकी जानकारी है मगर गाड़ियां कौन सी है और उसमें किसके लोग आते हैं पुलिस इसका पता नहीं कर सकी है।
एनकाउंटर और जेल के बाद भी मदद

विकास दुबे का मुंह बोला मामा प्रेमप्रकाश पाण्डेय एनकाउंटर में मारा गया था। उसका बेटा शशिकांत पाण्डेय इसी मामले में जेल में बंद है। घर में अकेले प्रेमप्रकाश पाण्डेय की पत्नी सुषमा बची है। इसी तरह एनकाउंटर में मारे गए अमर दुबे की दादी ज्ञानवती अकेले रह रही है। जेल गए आरोपित उमाकांत शुक्ला के घर में दो बेटियां और बीवी रह रही है। बालगोविंद के परिवार में भी सिर्फ बुजुर्ग माता पिता रह गए हैं। यह ऐसे परिवार है जहां बिना मदद के लोग खुद जीवन यापन नहीं कर सकते।
यह भी पढ़े – फिर ठुमका लगाते हुए ‘खाकी’ का वीडियो हुआ वायरल, एक साथ तीन महिला सिपाही सस्पेंड

गाड़ियों से आते हैं और राशन पैसा दे जाते हैं

ग्रामीणों के मुताबिक इन्हीं परिवारों की मदद के लिए दो गाड़ियां महीने में दो बार आती है। एक उन्नाव नम्बर की गाड़ी है और दूसरी लखनऊ। वह भोर सुबह जल्दी आती है। सभी परिवारों के घर पर जाती है। वहां पर राशन का सामान और आर्थिक मदद करती है और सूरज उगने से पहले गांव से निकल जाती है। महीने की शुरुआत के बाद 17-20 तारीख के बीच में दोनों गाड़ियों का आना होता है।
क्या बोली पुलिस

इंस्पेक्टर चौबेपुर कृष्ण मोहन राय ने कहा ग्रामीणों से ही दो गाड़ियों के आने और मदद करने की जानकारी मिली थी। इसपर पुलिस फोर्स को तैनात भी किया गया था मगर कोई इस तरह के वाहन सामने नहीं आए हैं। न ही यह पता चल पाया है कि वह कौन लोग हैं और क्या मदद करके जाते हैं।
यह भी पढ़े – अब सड़कों पर वाहन चलाने में सौ फीसदी पेनाल्टी से मिलेगी छूट, आरटीओ ने दी बड़ी राहत

Hindi News / Kanpur / बिकरूकांडः आखिर कौन है जो रहस्यमयी गाड़ियों से अपराधियों के परिवार को पहुंचा रहा है राशन

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.