कानपुर। पूरे विश्व में बड़ी विकराल स्थित पैदा हो गई है। जिन युवकों के हाथों में कलम होनी चाहिए वह बंदूक उठा रहे हैं और अच्छाई और बुराई के बीच एक जंग चल रही है। इसके पीछे के क्या कारण है, इन पर चर्चा नहीं होती। क्यों पढ़े लिखे युवक आईएसआईएस जैसे अंतकी ग्रुप में शामिल हो रहे हैं, इस पर बहस होनी चाहिए। अभिभावकों के साथ ही सरकारों को भी इस पर सोचना चाहिए कि इन बच्चों के अंदर भरे नफरत के ज्वर को कैसे मिटाएं, जिससे हमारा आने वाला भविष्य उज्वल हो। यह बात मंगलवार को शहर के बीएनएसडी शिक्षा निकेतन में 21वीं लक्ष्मी देवी लाहोटी मेमोरियल प्रतियोगिता में छात्रों को पुरस्कार देने के लिए आए बिहार के राज्यपाल Ramnath Covind ने कही।
माता-पिता निभाएं अहम रोल
राज्यपाल Ramnath Covind ने कहा कि जब बच्चा इन दुनिया में आता है तो पहले अपनी मां और फिर पिता को पहचानता है। इसके बाद ही वह दुनिया को समझता है। माता-पिता का कर्तव्य बनता है कि वह अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाएं और देश के इतिहास के बारे में अवगत कराएं। उन्होंने आईएसआईएस आंतकी संगठन का जिक्र करते हुए बताया कि जिस तरह से इस संगठन ने नवजवानों के मन में नफरत भरी है, इससे हालात बहुत खराब हो गए हैं। आज पूरा विश्व आंतक के मुहाने पर खड़ा है और इसकी वजह हम और आप ही हैं।
भटक रहे भविष्य को हमें बचाना है
Ramnath Covind ने कहा कि आज वक्त आ गया है कि भटक रहे भविष्य को हमें बचाना है। उन्हें अच्छे संस्कार देकर शिक्षा दिलानी है। सरकारों को भी अब नए नजरिए से एक बार सोचना होगा। नवजवानों को यह नहीं लगना चाहिए कि सरकारें हमारे साथ भेदभाव कर रही हैं। अभी भारत में ऐसी स्थित नहीं है, बावजूद इस पर अभी से विचार करने की जरूरत है।
Hindi News / Kanpur / Ramnath Covind का ये बयान भारत के नौजवानों को हमेशा याद रहेगा