तीन साल पहले शुरू हुई थी सर्जरी
मोटापा कम करने के लिए बेरियाट्रिक सर्जरी की जाती है। यह सुविधा तीन साल पहले हैलट में शुरू की गई थी। बाद में उपकरण खराब होने और बजट की कमी से इसे बंद कर दिया गया था। अब शासन ने खासतौर पर इसके लिए बजट की मंजूरी दी है। हैलट में पहले बेरियाट्रिक सर्जरी के १९ केस हो चुके हैं।
मोटापा कम करने के लिए बेरियाट्रिक सर्जरी की जाती है। यह सुविधा तीन साल पहले हैलट में शुरू की गई थी। बाद में उपकरण खराब होने और बजट की कमी से इसे बंद कर दिया गया था। अब शासन ने खासतौर पर इसके लिए बजट की मंजूरी दी है। हैलट में पहले बेरियाट्रिक सर्जरी के १९ केस हो चुके हैं।
निजी अस्पतालों में २० लाख खर्च
जिन निजी अस्पतालों में बेरियाट्रिक सर्जरी की सुविधा है वहां इसके लिए २० लाख रुपए का खर्च आता है। ऐसे में जो लोग लाखों रुपए खर्च नहीं कर सकते वे मोटापे से जूझते रहते हैं या फिर दूसरे तरीकों से राहत पाने की कोशिश करते हैं, जिसका असर कम ही हो पाता है।
जिन निजी अस्पतालों में बेरियाट्रिक सर्जरी की सुविधा है वहां इसके लिए २० लाख रुपए का खर्च आता है। ऐसे में जो लोग लाखों रुपए खर्च नहीं कर सकते वे मोटापे से जूझते रहते हैं या फिर दूसरे तरीकों से राहत पाने की कोशिश करते हैं, जिसका असर कम ही हो पाता है।
बेरियाट्रिक सर्जरी के विशेषज्ञ बढ़ेंगे
सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. संजय काला ने बताया कि उन्हें बेरियाट्रिक सर्जरी की विश्व स्तरीय संस्था इंटरनेशनल बेरियाट्रिक क्लब की फेलोशिप मिल गई है। जिससे हर साल बेरियाट्रिक सर्जरी फेलोशिप की मदद मिलेगी और विशेषज्ञ भी बढ़ेंगे।
सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. संजय काला ने बताया कि उन्हें बेरियाट्रिक सर्जरी की विश्व स्तरीय संस्था इंटरनेशनल बेरियाट्रिक क्लब की फेलोशिप मिल गई है। जिससे हर साल बेरियाट्रिक सर्जरी फेलोशिप की मदद मिलेगी और विशेषज्ञ भी बढ़ेंगे।
वार्डों के लिए पांच करोड़ का प्रस्ताव
बेरियाट्रिक सर्जरी के मरीजों के लिए विशेष व्यवस्थाओं की जरूरत होती है। उनके लिए पलंग, वार्ड, कमरे, शौचालय, फर्नीचर, कैमरा, ऑपरेशन थिएटर लाइट्स और आईसीयू सेटअप सब सही और व्यवस्थित होना चाहिए। इस सर्जरी में रिस्क अधिक होता है। इसलिए इसके लिए पांच करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
बेरियाट्रिक सर्जरी के मरीजों के लिए विशेष व्यवस्थाओं की जरूरत होती है। उनके लिए पलंग, वार्ड, कमरे, शौचालय, फर्नीचर, कैमरा, ऑपरेशन थिएटर लाइट्स और आईसीयू सेटअप सब सही और व्यवस्थित होना चाहिए। इस सर्जरी में रिस्क अधिक होता है। इसलिए इसके लिए पांच करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया गया है।