ग्राहक सेवाओं को दी गई प्रमुखता आरबीआई की जारी गाइडलाइन में ग्राहक सेवाओं को प्रमुखता दी गई है। बताया गया कि दंड की वसूली तत्काल की जाएगी। सीसीटीवी खराब होने और बैंक शाखा में कैश स्ट्रांग रूम से बाहर पाए जाने पर भी दंड वसूला जाएगा। गंदे नोटों को छांटने के लिए नोट सार्टिंग मशीनों (एनएसएम) का उपयोग न करने जैसी हर अनियमितता पर 5000 रुपये का दंड भरना होगा। दोबारा गलती पर दोगुना यानी 10 हजार होगा।
इन शिकायतों पर भारी जुर्माना गंदे या कटे-फटे नोट बदलने में आनाकानी करने वाले जिस बैंक की पांच शिकायतें हो जाएंगी, उसे तत्काल पांच लाख रुपये का जुर्माना भरना होगा। सिक्के जमा न करने या न देने पर एक लाख जुर्माना आरबीआई वसूलेगा। जो बैंक शाखा 50 रुपये या उससे कम के नोट लेने से इनकार करेगी, उसे भी जुर्माने की इसी श्रेणी में रखा गया है।
बैंकों को इस तरह इनाम देगा आरबीआई यह भी कहा गया है कि ग्राहक सेवाएं बेहतर बनाने के लिए आरबीआई बैंकों को इनाम भी देगा। कटे फटे या गंदे नोट बदलने पर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। जिसमें 50 रुपये तक के नोट बदलने पर प्रति पैकेट 2 रुपये मिलेंगे। कटे-फटे नोट बदलने पर 2 रुपये प्रति नोट एक्सचेंज राशि दी जाएगी। एक बैग सिक्के बांटने पर 25 रुपये मिलेंगे।
नकली नोटों की होगी मॉनिटरिंग नकली नोटों की धरपकड़ में बैंकों की मॉनीटरिंग और जिम्मेदारी बढ़ाई गई है। बैंकों के हेड ऑफिस में नकली नोट विजिलेंस सेल बनेगी, जो शाखाओं से आने वाले एक-एक जाली नोट का हिसाब रखेगी। नकली नोटों की सूचना बैंक नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के साथ-साथ फाइनेंशियल इंटेलीजेंस यूनिट यानी एफआईयू को भी देंगे। नकली नोट नष्ट करना या ग्राहक को वापस करना संगीन अपराध माना जाएगा। ऐसा करने वाले स्टाफ की भूमिका संदिग्ध मानी जाएगी और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।