स्थानीय लोग हो रहे मरीज रनियां के नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर वैभव त्रिपाठी बताते हैं कि दिन में रोजाना 100 मरीज आते हैं, जिनमें तकरीबन 30 मरीज एलर्जी और अस्थमा के होते हैं। अस्थमा रोग यूं तो वृद्धों में होता है लेकिन अब कम उम्र के लोग भी सांस की बीमारी से ग्रस्त हो रहे हैं। यह समस्या आमतौर पर हवा में मौजूद धूल कणों की अधिकता के कारण होती हैं। हाल ही में प्रदूषण विभाग की टीम ने रनियां में हवा में जहर घोल रहीं ऐसी आठ फैक्ट्रियों को पकड़ा, जिनमें मानक से अधिक धुंआ निकलता मिला। विभाग की ओर से उन्हें नोटिस जारी कर व्यवस्था में सुधार करने को कहा गया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि रनियां के स्थानीय निवासी अनुराग, कल्पना, अनिल, गोपाल आदि ने बताया कि फैक्ट्रियों से लगातार धुंआ निकलता है और राख गिरती रहती है। हाल यह रहता है कि हाइवे पर चलने वाले राहगीरों की आंखों में भी राख चली जाती है। जो परेशानी का सबब है। वहीं घर की छतों पर इतनी राख गिरती है कि परत सी जम जाती है। यहां रहना दुश्वार हो रहा है।
कालिका सिंह क्षेत्रीय प्रदूषण विभाग अधिकारी ने बताया कि आठ ऐसी फैक्ट्रियां मिली हैं, जिनकी चिमनियों से मानक से अधिक धुआं निकल रहा है। संचालकों को नोटिस दी गई है। कुछ को बंद कराने के साथ बाकी फैक्ट्री संचालकों को हिदायत दी गई है।