कन्नौज में रविवार को किसानों के ऋण माफी के प्रमाण पत्र बांटने के कार्यक्रम का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि बनकर आये जिले के प्रभारी मंत्री व प्रदेश के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के साथ अफसरों और भाजपा नेताओं ने पहली किश्त में 5030 किसानों को ऋण मोचन प्रमाण-पत्र किसानों को बांटे। कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत में मंत्री संदीप सिंह ने ऋण माफी को योगी सरकार का ऐतिहासिक फैसला करार दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा ने यूपी चुनाव के दौरान किसानों से जो वादा किया था, उसे उसने पूरा कर दिय है। आगे भी प्रदेश के विकास में योगी सरकार काम करती रहेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता भाजपा सरकार से खुश है।
प्रदेश सरकार शिक्षामित्रों के साथ है
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने शिक्षामित्रों के आंदोलन से संबंधित एक सवाल पर कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षमित्रों के साथ है। अभी उनके लिए जितना मानदेय तय किया गया है, वह उस पर शिक्षण कार्य शुरू करें। बीएड करने के बाद सरकार सबको शिक्षक का दर्जा दे देगी। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम भी शिक्षामित्रों के साथ सड़क पर उतर कर आंदोलन करेंगे।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने शिक्षामित्रों के आंदोलन से संबंधित एक सवाल पर कहा कि प्रदेश सरकार शिक्षमित्रों के साथ है। अभी उनके लिए जितना मानदेय तय किया गया है, वह उस पर शिक्षण कार्य शुरू करें। बीएड करने के बाद सरकार सबको शिक्षक का दर्जा दे देगी। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो हम भी शिक्षामित्रों के साथ सड़क पर उतर कर आंदोलन करेंगे।
कर्ज की रकम पर किसान ने उठाए सवाल
ऋण मोचन कार्यक्रम में आए किसानों ने प्रमाण पत्र में दर्ज कर्ज की रकम पर सवाल उठाए। एक किसान ने बैंक पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि उसका कर्जा 62 हजार रुपए था, लेकिन प्रमाण-पत्र केवल 315 रुपए की माफी का मिला। पीडि़त किसान ने कहा कि इस तरह हुई गड़बड़ी लिस्ट बनाने में बैंक कर्मियों की लापरवाही उजागर करती है, जो भविष्य में सरकार के लिए बड़ी मुसीबत साबित हो सकती है।
ऋण मोचन कार्यक्रम में आए किसानों ने प्रमाण पत्र में दर्ज कर्ज की रकम पर सवाल उठाए। एक किसान ने बैंक पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए कहा कि उसका कर्जा 62 हजार रुपए था, लेकिन प्रमाण-पत्र केवल 315 रुपए की माफी का मिला। पीडि़त किसान ने कहा कि इस तरह हुई गड़बड़ी लिस्ट बनाने में बैंक कर्मियों की लापरवाही उजागर करती है, जो भविष्य में सरकार के लिए बड़ी मुसीबत साबित हो सकती है।