ब्राह्मण वोट के लिए प्रपंच है या प्रायश्चित :- कन्नौज के भाजपा सांसद सुब्रत पाठक ने शनिवार को एक निजी होटल में प्रेस कांफ्रेंस करते हुए समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को कहा कि, समाजवादी पार्टी भगवान परशुराम की मूर्ति लगाने की बात कर रही है। मैं उनके इस कदम का स्वागत करता हू। लेकिन साथ ही अखिलेश जी से पूछना भी चाहता हूं कि यह उनका ब्राह्मण वोट लेने का हथकंडा मात्र है अथवा पिता-पुत्र दोनों की सरकारों में ब्राह्मणों के ऊपर हुए अत्याचारों का प्रायश्चित है। जिस समाजवादी विचारधारा का जन्म ही ब्राह्मणों के विरोध में हुआ हो, वह आज ब्राह्मण वोट के लिए प्रपंच रच रहे हैं।
काला नाग नहीं पहले ब्राह्मण को मार दें :- मुलायम सिंह जी के द्वारा अर्जक संघ चलाया जाता था। जिसके प्रचार के लिए जाने वाले लोग यह कहकर ब्राह्मणों के प्रति द्वेष उत्पन्न करवाते थे कि ब्राह्मण और काला नाग एक साथ दिखे तो पहले ब्राह्मण को मार देना। वह अधिक खतरनाक है। और पिता श्री मुलायम सिंह यादव जी के इस कथन को मानते हुए अखिलेश जी ने सन 2004 के कन्नौज लोकसभा के चुनाव में ब्राह्मण नीरज मिश्रा की हत्या करवाई थी। उसका दोष सिर्फ इतना था कि अपने काफिले के साथ जब अखिलेश यादव जी छिबरामऊ के निकट कसाबा बूथ पर बूथ कैप्चरिंग करना चाहते थे। नीरज मिश्रा के मना करने पर उसको धमकी दी और वह जब फिर भी नहीं माना तो वहां खड़े अपने लोगों से यह कहकर की 24 घंटे के भीतर उसका सिर चाहिए। फिर नीरज मिश्रा की सर कटी लाश कशाबा के जंगलों में मिली थी। और उसका सिर बक्से में रखकर अखिलेश जी को दिखाने के लिए लखनऊ भी भेजा गया था। पिता के मुख्यमंत्री होने के कारण सत्ता का दुरुपयोग कर अखिलेश जी तो बच गए। लेकिन कन्नौज का बच्चा बच्चा जानता है कि उक्त हत्या अखिलेश जी के इशारे पर हुयी थी।
डाक्टर का नाम पूछते ही भड़क गए अखिलेश :- इसी प्रकार पिछले दिनों छिबरामऊ के सौ सइया अस्पताल में जब बस हादसे में घायलों को देखने पहुंचे तो सब कुछ सामान्य था। किन्तु ड्यूटी पर तैनात डाक्टर का नाम पूछते ही अखिलेश भड़क गए थे। कारण सिर्फ इतना था की डॉक्टर की जाति मिश्रा ब्राह्मण थी, और इस कारण से डॉक्टर को काफी अपशब्द भी अखिलेश जी ने कहे थे। यह इनका ब्राह्मण प्रेम है। अखिलेश जी की सरकार में ही उनके गृह जनपद में ब्राह्मण महिला सहित उसके परिवार को नंगा करके अपमानित करते हुए गांव में घुमाने की घटना किसी से छुपी नहीं है। ब्राह्मणों का सामाजिक पतन और आर्थिक शोषण का लक्ष्य है। यही कारण है कि अखिलेश जी ने मुख्यमंत्री रहते हुए यूपी के सुल्तानपुर जिले की तिसौली के विधायक अबरार अहमद ने स्थानीय ब्राह्मणों के शिष्टमंडल से साफ कह दिया था। कि समाजवादी पार्टी का ब्राह्मणों से कोई लेना देना नहीं है। और न ही उससे हमारी पूरी हमदर्दी है।
योग्य ब्राह्मण नौकरी से वंचित हो गए :- इस संबंध में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने विधायकों को खास हिदायत जारी की है कि ब्राह्मणों की कोई मदद ना की जाए। इनके इस चरित्र से साफ होता है कि ब्राह्मणों से कितना इनको प्रेम है आता है। मुलायम सिंह जी के मुख्यमंत्री बनने से पूर्व उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण पढ़ने लिखने में अग्रणी होने के कारण से छोटी मोटी नौकरियों में अपना जीवनयापन करता था। किन्तु मुलायम सिंह के द्वारा नक़ल पद्दति को बढ़ावा देने से अपने स्वजातीय लोगों को डिग्रियां दिलाई और सरकार का दुरुपयोग करते हुए नक़ल से पास अपने अयोग्य लोगों को नौकरियों में भर्ती दिलाई। इस कारण से योग्य ब्राह्मण नौकरी से वंचित हो गए। बाद में इसी क्रम में अखिलेश की सरकार आने पर गांव गावं नक़ल सेंटर और अपने लोगों के विद्यालय के नाम पर डिग्री दिलाने का कारखाना खोला गया। यही नहीं अपने पिता से आगे बढ़ कर यदि किसी नौकरी में कोई ब्राह्मण मेरिट में स्थान बनाता था तो सफेदा से उसके नंबर कम कर दिए जाते थे। नंबर कम कर दिए जाते थे और मुख्यमंत्री के स्वजातीय गलत प्रश्न उत्तर भी सही कर दिए जाते थे दिए थे। जिसका खुलासा करते हुए ब्राह्मण दुबे परिवार की एक लड़की ने आत्महत्या कर ली थी।
स्वजातीय लोगों को नौकरियां दिलाई :- चाहे पुलिस की भर्ती हो या अन्य राजस्व विभाग की भर्तियां सभी में अखिलेश जी के शासन में धांधली करते हुए अपने स्वजातीय लोगों को नौकरियां दिलाने का जिस कारण से उत्तर प्रदेश में बहुत से योग्य ब्राह्मण नौकरी में से वंचित हो गए। इस प्रकार से इन्होंने षड्यंत्र रचकर ब्राह्मणों के अस्तित्व को ही चुनौती दी। और सर्वाधिक अत्याचार में ब्राह्मणों पर इनकी सरकारों में हुए। यही कारण था कि अत्याचारों से आजिज ग्रामीणों ने तिलक तराजू और तलवार का नारा देने वाली बहुजन समाजवादी पार्टी की सरकार बना दी। क्योंकि उस समय बीजेपी सरकार बनाने की स्थिति में नहीं थी। और आज जय श्री राम का विरोध करने वाले अखिलेश यादव जय परशुराम कर ब्राह्मण वोट लेकर सत्ता हासिल कर फिर से उत्तर प्रदेश को लूटने का सपना देख रहे हैं।
हमारे भगवान और महापुरुषों को जातियों में ना बांटे :- अच्छा हो की अखिलेश जी हमारे भगवानों को हमारे महापुरुषों को जातियों में ना बांटे। राम क्षत्रिय, श्रीकृष्ण यादव, परशुराम ब्राह्मण बताकर संगठित हुए हिंदू समाज की एकता को तोड़ने का प्रपंच अखिलेश जी के द्वारा रचा जा रहा है। अखिलेश जी निर्दोष राम भक्तों के हत्यारे अपने पिता से यदि पूछेंगे तो उनके पिता उन्हें बता देंगे। इस देश का भ्रमण जातिवादी नहीं राष्ट्रवादी है और भारत माता की पूजा करता है। अखंड भारत के स्वप्न देखता है दुनिया में भारत माता को शीर्ष स्थानों पर ले जाने हेतु लगातार प्रयत्न करता रहता है ।