बुधवार यानी 27 नवंबर की शाम को सभी मृतकों के शव घर पहुंचे। शवों के पहुंचते ही खुशी का माहौल गम में बदल गया। हादसे में मरने वाले लोगों में आगरा के डॉक्टर अनिरुद्ध, बरेली के डॉक्टर नरेंद्र गंगवार और कन्नौज के डॉक्टर अरुण कुमार, बिजनौर के मूल निवासी स्टोर कीपर राकेश कुमार और भदोही के रहने वाले लैब टेक्नीशियन संतोष कुमार मौर्य का नाम शामिल है।
डॉक्टर अनिरुद्ध का शव देख बेहोश हुई मां
डॉक्टर अनिरुद्ध वर्मा आगरा के कमला नगर राधिका विहार के रहने वाले थे। शाम 7 बजे जब उनका शव घर पहुंचा तो मां बेसुध हो गई। घरवालों के मुताबिक, माता-पिता अब डा. अनिरुद्ध की शादी की तैयारी कर रहे थे। वे अपने बेटे के लिए लड़की देखने जाने वाली थे, मगर पल भर में सारे अरमान अधूरे रह गए।डॉक्टर अरुण के कंधे पर थी घर की जिम्मेदारी
डॉक्टर अरुण कुमार कन्नौज के मोचीपुर गांव के मूल निवासी थे। उनके पिता ने किसी तरह अपने बेटे को पढ़ाकर डॉक्टर बनाया और छोटा बेटा अभी नौकरी की तलाश में है। डॉक्टर अरुण कुमार के कंधों पर ही पूरे घर की जिम्मेदारी थी। यह भी पढ़ें
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ढाई महीने बाद होनी थी डॉक्टर नारदेव की शादी
बरेली के नवाबगंज से ताल्लुक रखने वाले डॉक्टर नारदेव गंगवार परिवार में सबसे छोटे थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिता राम लखन गंगवार ने बताया कि करीब दो ढाई महीने बाद नरेंद्र की शादी होनी थी। घर में शादी की तैयारियां चल रही थीं, लेकिन अब सब कुछ धरा का धरा रह गया।हादसे में टेक्नीशियन संतोष की भी गई जान
कन्नौज हादसे में भदोही के निवासी संतोष कुमार मौर्य ने भी अपनी जान गवां दी, जो सैफई मेडिकल कॉलेज में लैब टेक्नीशियन के पद पर तैनात थे। संतोष कुमार मौर्य अपने भाइयों में सबसे बड़े थे और उनकी तीन बहने हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। संतोष के पिता भदोही में आई स्पेशलिस्ट हैं।क्लर्क राकेश की भी हादसे में मौत
बिजनौर के राकेश कुमार कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के ग्राम जीवनपुर के निवासी थे। वह सैफई मेडिकल कॉलेज में क्लर्क के पद पर तैनात हैं। राकेश कुमार चार भाई और एक बहन है। राकेश कुमार करीब 10 साल से ज्यादा समय से लैब टेक्नीशियन के पद पर तैनात थे। यह भी पढ़ें