अखिलेश यादव कन्नौज पहुंचे। भारी गर्मी के बावजूद सपा प्रमुख को सुनने के लिए कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह नजर आया। अखिलेश ने कन्नौज से 2 दशकों से अधिक समय से जुड़े रहने का हवाला दिया तो तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी।
दरअसल, अखिलेश ने कन्नौज में लोकसभा उम्मीदवार घोषित करने के लिए आए थे। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं। टिकट के मुद्दे पर उन्होंने खुलकर एलान तो नहीं किया, लेकिन इशारों-इशारों में यहां से चुनाव लड़ने का इशारा जरूर दे गए। घोषणा नहीं होने से कार्यकर्ता नाराज हो गए, लेकिन उनमें अखिलेश से मिले संकेत के बाद उत्साह जरूर बढ़ गया।
अखिलेश ने कहा, “यहीं से डॉ. राम मनोहर लोहिया जीते, नेता जी मुलायम सिंह जीते, खुद मैं जीता और डिंपल यादव भी जीतीं। समाजवादियों का यहां से दशकों पुराना रिश्ता है। नेताजी ने ढाई दशक पहले जो सिलसिला शुरू किया तो वह कायम रहेगा।” अखिलेश ने आगे कहा कि उन्होंने कन्नौज की सेवा की है। चुनाव में पहले जिन्होंने मदद की थी, आज यहां वह कार्यक्रम में मौजूद हैं।
अखिलेश से माइक पकड़कर कर डाली उम्मीदवारी की मांगसपा कार्यालय में कार्यकर्ताओं से रूबरू अखिलेश यादव जब कन्नौज से अपने रिश्ते एक-एक करके गिना रहे थे, ठीक उसी दौरान मंच पर ही मौजूद कन्नौज से तीन बार के सांसद रहे सपा के बुजुर्ग नेता छोटे सिंह यादव अपने कुर्सी से उठकर अखिलेश यादव तक पहुंच गए। माइक के पास आकर बोले कि अपने नाम की उम्मीदवारी का एलान करो। इस पर पूरी सभा ने ताली बजाना शुरू कर दिया। अखिलेश भी मुस्कुरा उठे। उन्होंने कहा कि यहां का चुनाव चौथे चरण में है। नवरात्र आने वाला है। उसके बाद ईद है। ईद बाद फिर आएंगे। अभी समय है इसमें।