उन्होंने बताया कि दोपहर करीब 12 बजे प्रशासनिक अधिकारियों के सामने अपने आप पर मिट्टी तेल डालकर आत्मदाह की महिला ने चेतावनी दे दी। उन लोगों ने कहा कि यदि प्रशासन जबरदस्ती काबिज से अधिग्रहण करेगा तो वह जान दे देंगी। भूमि स्वामी शिवलाल मानिकपुरी की बेटी ज्योति मानिकपुरी ने बताया कि राजस्व निरीक्षक के द्वारा जिस भूमि को हल्बा समाज भवन के लिए आबंटित किया गया है उसमें उनका परिवार पिछले 100 वर्षों से काबिज है, जिसका पट्टा भी उनके नाम पर है। उक्त भूमि खसरा क्रमांक 21 में से 00.28 हेक्टेयर भूमि हल्बा समाज को कब आबंटित किया गया। इसकी जानकारी तक उनको नहीं है।
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मिलीभगत कर जमीन पर कब्जा 15 दिसम्बर 2022 को शाम तहसीलदार कार्यालय से एक सूचना पत्र मिला जिसमें लिखा था कि भंडारीपारा स्थित भूमि खसरा नम्बर 21 में से 0.028 हेक्टेयर भूमि हल्बा समाज कांकेर को सामाजिक भवन निर्माण के लिए व्यवस्थापन किया गया है, जिसका 16 दिसम्बर 2022 को सुबह 10 बजे हल्बा समाज के पदाधिकारियों को अधिपत्य सौंपने की कार्रवाई किया जाएगा। इस सूचना पत्र के बाद पता चला कि उनकी जानकारी के बाहर प्रशासन ने उक्त जमीन को हल्बा समाज भवन के लिए आबंटित कर दिया है। अब राजस्व निरीक्षक द्वारा बलपूर्वक जमीन से बेदखल करने की कार्यवाही किया जा रहा है। भूमि स्वामी ने बताया कि उक्त भूमि में से कुछ जमीन उन लोगों ने गांव में मंदिर बनाने के नाम पर दान कर दिया है। इसके बाद जो जमीन उनके पट्टे में है उसमें कृषि कार्य करते आ रहा हैं। वे लोग गरीब हैं। उस जमीन पर कुछ बना नहीं पा रहे हैं। इसलिए उस (cg news) जमीन पर हल्बा समाज की नजर है, जो राजस्व निरीक्षक के साथ मिलीभगत कर निजी भूमि को सरकारी बताकर हल्बा समाज को आबंटित कर रही है। यह उनके साथ अन्याय हो रहा है वे लोग अपनी जान दे देंगे लेकिन किसी को भी जमीन पर अतिक्रमण करने नहीं देंगे। हल्बा समाज के अध्यक्ष पंचूराम नायक ने बताया कि समाज भवन को जमीन की आवश्यकता थी, भंडारीपारा में सरकारी आबादी आंवटित हुई है।
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