ये सनसनीखेज मामला बांदे गांव का है। 70 साल की रानी पठारिया यहां अपनी बेटी और नाती आकाश पठारिया के साथ रहती थी। आकाश मटन दुकान चलाता है। इधर, बुजुर्ग और बीमार होने की वजह से रानी ज्यादातर बीमार रहती थी। जिस स्थिति पर दया होनी चाहिए, आकाश को उससे पैसे कमाने की सूझी। उनसे नानी का बीमा करवाकर उसकी हत्या करने की साजिश इसके लिए सबसे पहले उसने बीमा एजेंट तारक देवनाथ से संपर्क किया। बीमा से जुड़ी सारी प्रक्रियाएं समझीं।
26 दिसंबर 2022 को उसने अपनी नानी के नाम पर 1 करोड़ का बीमा कराया। एक दिन वह बकरा खरीदने के लिए संबलपुर गया था। यहां उसे सपेरों का दल दिखा। यहीं उसने नानी को सांप से कटवाकर मौत के घाट उतारने की ठानी। उसने सपेरे पप्पू राम और उसके गुरु बेनीरात नेताम से 30 हजार में नानी की हत्या की डील फाइनल की। सांप से कटवाने के लिए नानी को सबसे पहले वह 26 अप्रैल 2023 को संबलपुर ले गया।
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लेकिन, उस दिन वे कामयाब नहीं हो पाए। 26 मई को दोबारा वह नानी को संबलपुर लेकर गया, जहां प्लानिंग के तहत सांप से कटवाने के बाद वह नानी को लेकर बांदे लौट गया। जहर के असर से उसकी नानी बेहोश हो गई थी। आकाश की मां इस दिन शादी समारोह में शामिल होने बाहर गई थी। आधी रात को आकाश ने घर में सांप निकलने की बात कहकर चीख-पुकार मचाना शुरू कर दिया। बर्तनों को पटकने लगा। पड़ोसियों के इकट्ठा होने के बाद उसने नानी को सांप डंसने की कहानी रची। दिखावे के लिए नानी को अस्पताल लेकर गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। 15 नवंबर को उसे बीमा के 1.2 करोड रुपए मिल गए थे। मारने के कई तरीके अपनाए, फिर सांप का लिया सहाराआकाश ने अपनी नानी को मारने के लिए कई तरीके इस्तेमाल किए। पुलिस की जांच में पता चला कि आकाश अपनी नानी को उल्टी-सीधी दवाइयां खिलाता था, ताकि उसकी मौत भी हो जाए और किसी को शक भी न हो। लेकिन, अपनी इस कोशिश में वह नाकाम रहा। इसके बाद उसने सपेरों का सहारा लेकर अपनी नानी को मौत के घाट उतार दिया। जब से इस घटना की सूचना फैली है, गांव में तरह-तरह की चर्चाएं आम हैं। साथ ही लोग ये भी कह रहे हैं कि अपनों का ही भरोसा नहीं है तो किसका भरोसा करें?
अपनी दुकान को नानी का बताया, उम्र में भी गोलमालआकाश पठारिया ने बेहद शातिराना अंदाज में इस पूरी वारदात को अंजाम दिया है। उसने बीमा एजेंट से मिलीभगत कर कागजातों में नानी की उम्र 53 साल दिखाई थी। जबकि, नानी की उम्र वास्तव मे 70 पार थी। यही नहीं, बड़ी राशि का बीमा करवाने में कोई तकलीफ न आए इसलिए उसने अपनी दुकान भी नानी के नाम पर दर्शाते हुए तीन साल का आयकर रिटर्न एकसाथ जमा कर दिया था। इस बीमा का वार्षिक प्रीमियम 3.11 लाख था जिसे आरोपी ने जमा भी करवा दिया था।
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बीमा के 1 करोड़ मिलने पर आकाश ने सबसे पहले बीमा एजेंट तारक देवनाथ के जरिए अपनी मां के नाम पर 50 लाख रुपए डिपॉजिट किए। बाकी बचे पैसों से उनसे गहने, गाड़ी खरीदी। इसके अलावा 10 लाख रुपए उसने ब्याज में लगा दिए थे। पुलिस ने ब्याज में चलाई गई रकम जब्त कर ली है। बीमा के पैसों के अलावा आकाश ने जिला प्रशासन से भी सर्पदंश से मौत पर मिलने वाली रकम के लिए भी आवेदन किया था। शासन से भी उसे 4 लाख रुपए मिले। इस तरह आकाश ने अपनी नानी को मौत के घाट उतारकर 1.6 करोड़ रुपए की कमाई की।
पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जांच अभी प्रारंभिक स्तर में है। आगे और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। आरोपी ने आधार में अपनी नानी का उम्र बदलवाया है। इस बारे में भी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं। आयकर रिटर्न और बीमा प्रीमियम के लिए 3 लाख रुपए कहां से आए! इसकी भी जांच की जा रही है।
– प्र्रशांत शुक्ला, एएसपी, पखांजूर