जिसके कुछ माह बाद वे भाजपा की सदस्यता ले ली थी और 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में अंतागढ़ से भाजपा के टीकट की दावेदारी भी की थी पर भाजपा ने उन्हें टिकट न देते हुए विक्रम उसेंडी को टिकट दिया था। इस चुनाव में भाजपा अंतागढ़ विधानसभा का चुनाव हार गई थी साथ ही प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन गई।
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इसके बाद से पूर्व विधायक ने पूर्व मुख्यमंत्री डॅा रमन सिंह के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया था। उनके और दामाद पर गंभीर आरोप लगाते हुए थाना पखांजूर में मामला भी दर्ज कराया था, जिसके बाद भाजपा ने उन्हें बाहर कर दिया था। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही पूर्व विधायक फिर भाजपा में लौट आए है। उन्होेंने बताया की राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप तो लगते ही रहते है।
उन्हें इतनी गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। मंतूराम पवार 2023 के चुनाव में पवार समथर्क दल नाम से संगठन बना अंतागढ़ से निर्दलीय चुनाव लड़ा था जिसमें उन्हें कुल 13 हजार मत मिले। अब वे फिर समथर्कों के साथ भाजपा में शामिल हो गए है।