CG Online Tender: जिला निर्माण समिति प्रदेश के सिर्फ दो संभाग में
दरअसल जिला निर्माण समिति प्रदेश के सिर्फ दो संभाग बस्तर और सरगुजा के सभी जिलों में है। जिला निर्माण समिति का गठन शासन ने इसलिए किया है कि अगर लोक निर्माण विभाग एजेंसी, सेतु निर्माण एजेंसी, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क निर्माण एजेंसी और आरईएस निर्माण एजेंसी द्वारा बार-बार ऑफलाइन और ऑनलाइन जिन कार्यों के लिए निविदा कराया गया। उन कार्यों को करने के लिए अगर ठेकेदार आवेदन नहीं करते हैं तो ऐसे कार्यों की निविदा शिथिल कर मैन्युअल टेंडर कराने जिला निर्माण समिति को दिया जाता है। वर्षों से कांकेर जिला निर्माण समिति तो इस नियम का पालन नहीं कर रही है।
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ऑनलाइन टेंडर की प्रक्रिया
अब तो जिला निर्माण समिति उधारी के कार्यपालन अभियंता, एसडीओ और लोक निर्माण विभाग के बाबू से ऑनलाइन टेंडर की प्रक्रिया आगे बढ़ाने जा रही है। जबकि नियम के अनुसार जिला निर्माण को और शिथिल कर निविदा कराना है। पत्रिका की पड़ताल से खुलासा हुआ कि लोक निर्माण विभाग लोकसभा चुनाव के बाद से अभी तक करीब एक करोड़ के कार्यों की निविदा करा पाई है। वहीं, उधारी के अधिकारी और कर्मचारियों के बदौलत नियम को ताक पर रख जिला निर्माण समिति ने 30 करोड़ से अधिक का टेंडर करा चुकी है। 7 करोड़ से अधिक की राशि का एक-एक टेंडर जिला निर्माण समिति इस वर्ष में करा चुकी है। जिला निर्माण समिति ने जून माह से अब तक 30 करोड़ से अधिक की राशि के जिन कार्यों की निविदा कराया वह किसी निर्माण एजेंसी से नहीं भेजा गया था।
विधानसभा जा सकता है ये मामला
CG Online Tender: समिति के नोडल और सहायक नोडल हर कार्य के प्रस्ताव को बनाकर कलेक्टर से हस्ताक्षर करा रहे हैं। जबकि नियम के अनुसार कम से कम तीन बार की निविदा के बाद अगर काम करने के लिए कोई फर्म आवेदन नहीं कर रहे तो ऐसे कार्यों की निविदा जिला निर्माण समिति से कराने का प्रावधान है। मौजूदा समय में चार-चार निर्माण एजेंसियां जिले में हैं फिर भी ठेंगा दिखाते हुए जिला निर्माण समिति खुद ऑनलाइन निविदा की प्रक्रिया की तैयारी में जुटी है। वैसे यह मामला विधानसभा जा सकता है।