CG News: अनावरी रिपोर्ट गलत बनाया जा रहा: विधायक
इसका मतलब यह है कि प्रति दिन सरकार को लगभग साढ़े तीन लाख मिट्रिक टन की खरीदी प्रति दिन करनी होगी तब जाकर लक्ष्य पूरा होगा। वर्तमान में जिस रफ्तार से
धान खरीदी हो रही है। उसमें लक्ष्य प्राप्त करना असंभव लग रहा। विधायक ने कहा कि सोसाइटियों को निर्देश है कि एक दिन में अधिकतम 752 क्विंटल यानी 1880 कट्टा धान ही खरीदा जाना है। ऐसे में एक किसान का शेष धान के लिये उसको आगामी दिनों की तारीख दी जा रही है।
सरकार ने घोषणा किया है कि 72 घंटे में किसानों के खाते में पैसा आयेगा, लेकिन जो लोग 14 नवंबर को घान बेचे थे उनके खाते रकम नहीं आया है। जो रकम आ रही है वह एक मुस्त 3100 नहीं है। सिर्फ 2300 रू. प्रति क्विंटल ही आ रहा है। जो समर्थन मूल्य है उतना अनावरी रिपोर्ट गलत बनाया जा रहा। जिसके आधार पर मात्र 9 से 12-14 क्विंटल धान खरीदा जा रहा।
धान खरीदी केन्द्रों में जारी नहीं किया जा रहा टोकन
किसानों से पूरा 21 क्विंटल धान नहीं खरीदा जा रहा है। सोसायटी में सूचना चस्पा किया गया है कि बीज उत्पादक किसानों का धान नहीं लिया जायेगा। वहीं बारदानों को लेकर कहा कि सोसायटी में बारदाना की कमी है। किसान परेशान है, सरकार ने कहा कि 50 प्रतिशत नये 50 प्रतिशत पुराने बारदानों का उपयोग किया जाये। 50 प्रतिशत पुराने बरदाने समितियों में पहुंचे ही नहीं है, जिसके कारण धान खरीदी बाधित हो रही है। धान खरीदी केन्द्रों में टोकन नहीं जारी किया जा रहा है। किसान घंटो खड़े रहते है। ऑनलाइन टोकन सिस्टम के कारण किसानों को 15 दिन बाद का भी टोकन नहीं मिल रहा है। विधायक ने कहा कि धान की कीमत का भुगतान 3217 रू. में करें, क्योंकि 3100 रू. भाजपा ने अपने चुनावी वायदे में कहा था। केन्द्र सरकार ने धान का समर्थन मूल्य 117 रू. बढ़ा दिया है। इस कारण इस वर्ष धान की खरीदी 3100 रू. से बढ़ाकर 3217 रू. किया जाये।
बफर स्टॉक के उठाव की कोई सीमा ही नहीं
कांग्रेस के समय धान का समर्थन मूल्य 2500 देने का वादा किया था लेकिन समर्थन मूल्य बढ़ने पर कांग्रेस ने 2640 रू. में धान खरीदी किया था। धान उपार्जन की कांग्रेस सरकार की नीति को भाजपा सरकार ने बदल दिया है। नई नीति के अनुसार 72 घंटे में बफर स्टॉक के उठाव की नीति को बदल दिया है। पहले इस प्रावधान के होने से समितियों के पास ये अधिकार होता था कि वे समय सीमा में उठाव न होने पर चुनोती दे सकें। अब जो बदलाव हुआ है उसके बाद बफर स्टॉक के उठाव की कोई सीमा ही नहीं है।
बंद हो जाएगी धान खरीदी
CG News: धान खरीदी केन्द्रों में जगह की कमी आ रही है। पहले मार्कफेडे द्वारा समस्त धान का निपटान 28 फरवरी तक कर देने की बाध्यता रखी गई थी, अब इसे बढ़ाकर 31 मार्च कर दिया गया है। जबकि धान खरीदी 31 जनवरी तक होगी उसके बाद धान खरीदी बंद हो जाएगी। समितियों, संग्रहण केंद्रों में धान अब दो महीने तक रखा रह रहेगा। विधायक ने कहा कि धान मिलिंग के लिए कांग्रेस सरकार ने प्रति क्विंटल 120 रुपए देने का निर्णय लिया था जिसका परिणाम यह हुआ था कि प्रदेश भर में 700 नई राइस मिलें खुली थीं। अब सरकार ने मिलर के लिए 120 रुपए को घटाकर 60 रुपए कर दिया है। इस कारण
राईस मिलर हड़ताल पर हैं धान सोसायटी में जाम है। मिलरों को 120 की जगह 60 रुपए देने के फैसले के बाद विभिन्न जिलों में राइस मिलर एसोसिएशन धान की मीलिंग करने में असमर्थता व्यक्त करने लगे हैं।