ऐसे मिला गांजा
शासकीय अधिवक्ता संंदीप श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी शेख सब्बीर (58) निवासी मालेगांव महाराष्ट्र, विजय मोहिते (35) निवासी औरंगाबाद महाराष्ट और नंदू मोहिते (25) निवासी जलगांव महाराष्ट्र कार से 28 दिसंबर 2018 को गांजा तस्करी ओडिशा से महाराष्ट्र के लिए कर रहे थे। कांकेर पुलिस उस दिन एनएच-30 पर आतुरगांव में पेट्रोल पंप के पास वाहनों की दोपहर के समय चेकिंग कर रही थी।
तभी गांजे से भरी तेज रफ्तार कार जगदलपुर की तरफ से कांकेर आते हुई दिखाई दी। पुलिस ने उसे रुकवाया तो कार में तीनों आरोपी आरोपी घबरा गए। पुलिस ने कार से आने जाने की जानकारी चाही तो उन्होंने संतोष जनक जवाब नहीं दिए। पुलिस को कार से गांजा जैसी गंध आ रही थी। तलाशी लेने पर पता चला कि आरोपी सीट के नीचे 111 किलो गांजा छुपा कर ले जा रहे थे।
गांजा बरामद होने पर तीनों आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर लिया और जांच के लिए सैंपल रायपुर भेज दिया। पुलिस ने तीनों को आरोपियों को एनडीपीएस विशेष सत्र न्यायाधीश हेमंत सराफ के कोर्ट में पेश किया। जहां कोर्ट ने गवाहों के बयान और आरोपियों के कथन पर तीनों को गांजा तस्करी के आरोप में 15-15 साल का सश्रम कारावास और डेढ़-डेढ़ लाख रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थ दंड नहीं जमा करने पर तीनोंं को अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी।